रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अपनी कार्यशैली और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण को रोकने के भरषक प्रयास किये जा रहे है। जिसमे कांटेक्ट ट्रेसिंग कर विश्लेषण किया जा रहा है साथ ही मरीजों को समुचित इलाज की भी व्यवस्था की जा रही है।
कोंडागांव कलेक्टर सह टास्क फोर्स अध्यक्ष पुष्पेंद्र कुमार मीणा एवं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी द्वारा जिला टास्क फोर्स की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। इस बैठक में टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा सभी विकासखण्डों के नोडल अधिकारियों से कोरोना संक्रमण के कारणों के संबंध में विश्लेषण किया गया। इस दौरान टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के कार्य में सटीकता एवं तत्परता लाने हेतु व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने पर चर्चा की गयी। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को किसी मरीज के पॉजिटिव पाए जाने पर उससे निजी तौर पर संपर्क कर उससे कोरोना के उन तक पहुंचने के कारण की जांच करने के लिए निर्देश दिए। जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा नए दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रश्नावली का निर्माण किया गया है। इस प्रश्नावली का प्रयोग कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए जाने वाले दलों द्वारा किया जाएगा। जिला प्रशासन का यह प्रयास रहा है कि कोरोना के कारणों की तह तक पहुंच संक्रमण फैलाने वाले कारकों को जानकर कोरोना फैलाने से रोका जाए। इसके लिए प्रतिदिन स्वास्थ विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर ने कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में कोरोना को रोकने के लिए एक कांटेक्ट ट्रेसिंग, वैक्सीनेशन एवं एक्टिव सर्विलांस पर जोर देना होगा।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराए गए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के अनुसार पाया गया कि 03 मई को संक्रमित पाए गए मरीजों में 31 प्रतिशत मरीज केवल विवाह समारोह में सम्मिलित होने की वजह से संक्रमित हुए थे। जो कि सभी कारणों में सर्वाधिक था। इसके पश्चात प्राथमिक संपर्क में आने से 30 प्रतिशत, दुकानों तथा बाजारों एवं हॉस्पिटलों से 12 प्रतिशत, द्वितीयक कांटेक्ट से 13 प्रतिशत, यात्रा के कारण 2 प्रतिशत, 1.6 प्रतिशत मृत्यु संस्कारों में जाने से तथा 7 प्रतिशत लोगों में कोरोना का कारण अज्ञात रहा। इस प्रकार आंकड़ों को देखते हुए प्रशासन द्वारा लोगों को विवाह संस्कारों में ना जाने की अपील की है। केवल अत्यंत आवश्यक होने पर ही विवाह एवं मृत्यु संस्कारों में जाएं।