भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियां कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से बचाव हेतु प्रयासरत है । इस क्रम में पीएसयू कंपनियां तरल ऑक्सीजन की ढुलाई को और बेहतर करने की दिशा में विशेष रूप से कार्य कर रही हैं।
इस समय 12 टैंकर और 20 आई एस ओ कंटेनर कार्यरत हैं जिनकी क्षमता 650 मीट्रिक टन है। इन आंकड़ों में इस महीने के आखिर तक व्यापक वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि इस महीने की आखिर तक टैंकरों की संख्या बढ़कर 26 और आईएसओ कंटेनर की संख्या बढ़कर 117 हो जाएगी, जिनकी कुल क्षमता 2314 मीट्रिक टन होगी। 95 आईएसओ कंटेनर्स खरीदे जा रहे हैं जिनकी कुल क्षमता 1940 मीट्रिक टन होगी। 30 आईएसओ कंटेनर के लिए पहले ही आर्डर जारी किए जा चुके हैं जिनकी क्षमता 650 मीट्रिक टन की होगी जबकि बाकी के आई एसओ कंटेनर्स के लिए मोलभाव हेतु बातचीत की प्रक्रिया जारी है।
40-50 लीटर क्षमता वाले 10,000 ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद के लिए आर्डर जारी कर दिए गए हैं। 300 बड़े सिलेंडर होंगे जिनकी क्षमता 150 से 500 लीटर और 150 से 450 लीटर होगी। इन सिलेंडर की आपूर्ति जल्द शुरू होने की संभावना है।
यह कंपनियां तरल ऑक्सीजन भी आयात कर रही हैं। बहरीन, यूएई, सऊदी अरब, कुवैत और थाईलैंड से 900 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन का आयात किया जा रहा है जो इन देशों की तरफ सहायता के तौर पर दिया जा रहा है। इसकी पहली खेप पहले ही भारत पहुंच चुकी है। दूसरी खेप भी जल्द ही भारत आ जाएगी। इसके अलावा 12840 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन का आयात वाणिज्यिक आधार पर किया जा रहा है, इसे मिलाकर कुल ऑक्सीजन का आयात 13740 मीट्रिक टन के आंकड़े तक पहुंच जाएगा।