पिछले साल मार्च से ही कोरोना महामारी के बीच दवा व्यापारी और उनके यहां काम करने वाला स्टाफ बिना किसी छुट्‌टी या परेशानी के लगातार आम आदमी की सेवा में जुटे हुए हैं। इस दौरान कई दवा व्यापारी और उनके यहां काम करने वाले लोगों के साथ ही उनके परिवार जन भी कोरोना महामारी की चपेट में आकर काल का शिकार हो गए हैं। इसी कारण अब मप्र के समस्त थोक एवं फुटकर दवा व्यवसाइयों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से दवा व्यवसाई, उनके परिवार व स्टाफ को फ्रंट लाइन कोरोना वारियर में शामिल करने की मांग की है। दवा व्यापारियों ने भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी के नेतृत्व में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन सौंप कर इस संबंध में मांग पर विचार करने का अनुरोध किया। इस दौरान मध्य प्रदेश केमिस्ट एसोसिएशन के संभागीय उपाध्यक्ष मनोहर आसुदानी, राकेश गोगीया, चेतन पटेल, हरीश आईलानी, जितेंद्र धाकड़ सहित कई लोग मौजूद थे। इसके अलावा प्रदेश के हर जिले में भी दवा व्यापारियों ने जिले के कलेक्टर या स्थानीय विधायक को सीएम के नाम यही ज्ञापन सौंप पर मांग पर विचार करने का अनुरोध किया है।

कोरोना से लड़ते हुए कई व्यापारी हार गए जंग :

दवा व्यापारियों ने सीएम से कहा है कि पिछले वर्ष मार्च से ही मन को झकझोरने वाली भयावह, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद मध्य प्रदेश के दवा व्यवसायियों ने अपनी जिम्मेदारी व नैतिक कर्तव्यों को सर्वोपरि माना है। इस दौरान विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पूरे मध्यप्रदेश में कोविड-19 महामारी से पीड़ित आम आदमी को समय पर दवाओं को उपलब्ध करवाने के उद्देश्य में हमारे कई साथी कोविड-19 से पीड़ित होकर जीवन की जंग हार गए हैं। तमाम खतरों के बावजूद प्रदेश के सभी केमिस्ट लगभग अट्ठारह माह से जनहित को सर्वोपरि मानते हुए अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे। इस दौरान कई राज्यों में दवा व्यवसायियों को फ्रंट लाइन कोरोना वारियर के रूप में पहचान देकर उनके सेवाभावी कार्य को पुरस्कृत किया है।

दवा व्यापारियों ने इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान से इस दौरान मांग की है कि अन्य राज्यों की तरह मप्र के थोक एवं फुटकर दवा व्यापारियों को भी फ्रंट लाइन कोरोना वर्कर के रूप में शामिल किया जाए। इस दाैरान दवा व्यापारियों ने सीएम को पत्रकारों, उनके परिवार के सदस्यों और प्रदेश के वकीलों की ही तरह उन्हें भी फ्रंट लाइन कोरोना वारियर के रूप में शामिल करने की मांग की है।