केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाले GST काउंसिल की ओर से बने मंत्री समूह में कांग्रेस की उपेक्षा से राजनीति भड़क उठी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ बताया है। इस बयान के बाद केंद्र और राज्य के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल फिर से शुरू होने का अंदेशा खड़ा हो गया है।

मामला वस्तु एवं सेवाकर (GST) काउंसिल की 28 मई को हुई बैठक से जुड़ा है। इसमें कोरोना से जुड़ी आवश्यक वस्तुओं से कर छूट की मांग उठी थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न राज्यों के 8 मंत्रियों का एक समूह बनाकर यह विषय उनको सौंप दिया। इस मंत्री समूह में कांग्रेस का कोई मंत्री शामिल नहीं है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इस समिति में कांग्रेस शासित राज्यों के सदस्य का शामिल ना होना, सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा, कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्री जो GST काउंसिल का हिस्सा हैं, उन्हें कोविड राहत सामग्री पर GST दरों पर चर्चा करने के लिए गठित GOM (मंत्रियों के समूह) में शामिल किया जाना चाहिए। कांग्रेस शासित राज्यों के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण और सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है। बता दें कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की ओर से वाणिज्यिक कर, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव GST काउंसिल के सदस्य हैं।