कठिन और विषम परिस्थितियों में जब जान जाने का खतरा था तब छत्तीसगढ़ पुलिस ने जान की परवाह किये बगैर फ्रंट लाईन पर ड्यूटी की। पुलिस ने लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान न केवल कानून व्यवस्था संभाली बल्कि धैर्य का परिचय भी दिया। उक्त बातें डीजीपी श्री डीएम अवस्थी ने आज छत्तीसगढ़ पुलिस के जांबाज कोरोना वारियर्स को सम्मानित करते हुये कहीं। डीजीपी द्वारा आज यहां पुलिस ट्रांजिट मेस में छत्तीसगढ़ पुलिस के करीब 500 अधिकारियों, कर्मचारियों को वर्चुअली मीटिंग में कोरोना वारियर्स सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम में दुर्ग रेंज के आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, रायपुर आईजी डॉ आनंद छाबड़ा, रायपुर एसएसपी श्री अजय यादव, उप निदेशक पुलिस अकादमी डॉ संजीव  शुक्ला , दुर्ग एसपी श्री प्रशांत ठाकुर, एआईजी श्री राजेश अग्रवाल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान वर्चुअली बिलासपुर रेंज के आईजी श्री रतनलाल डांगी, बस्तर आईजी श्री सुंदरराज पी, सरगुजा आईजी श्री आर पी साय एवं सभी एसपी और कमांडेंट्स को भी सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस लोककल्याणकारी की भूमिका में रहते हुये संवेदनशीलता के साथ कार्य करे। उनकी मंशा के अनुरूप संक्रमण के दौरान पुलिस और नगारिकों के मध्य नया विश्वास विकसित हुआ है। मुख्यमंत्री जी कई अवसरों पर छत्तीसगढ़ पुलिस के कार्य की प्रशंसा कर चुके हैं। इससे हमारे पुलिस जवानो के मनोबल में वृद्धि हुयी है और वे लगातार उत्साह के साथ कार्य कर रहे हैं।
कार्यक्रम में  अवस्थी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान सिपाही से लेकर एसपी और कमांडेंट तक ने बहादुरी से कार्य किया है। पुलिस ने हर एक जान की कीमत को समझा और लोगों की मदद की। हमेशा देखा गया है कि पुलिस की नकारात्मक छवि सामने आती है लेकिन संक्रमण के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली को नागरिकों द्वारा बहुत सराहना मिली। यहां तक कि लोगों ने ड्यूटी कर रहे कर्मियों को चाय पानी से लेकर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करायीं। यही पुलिस की असल उपलब्धि है। नागरिकों और पुलिस का ये संबंध हमेशा बना रहना चाहिये। पुलिस मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुये इसी प्रकार नागरिकों के प्रति समर्पित होकर कार्य करती रहेगी और समाज में बेहतर छवि पेश करेगी।