मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ-साथ जिलों में मजबूत अधोसंरचना का विकास एवं नागरिक सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी रायपुर हो या नया जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही दोनों के विकास के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकताएं एक जैसी हैं। नये जिले के विकास के लिए संसाधनों की कमी नही होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी रायपुर सहित सभी जिलों का विकास उसकी गरिमा के अनुरूप किया जा रहा है। रायपुर जिले के शहरी क्षेत्रों से उनके आसपास के गांवों के रोड़ नेटवर्क को मजबूत करने का काम लगातार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में रायपुर और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 681 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 752 विकास कार्यों के लोकार्पण-भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। रायपुर जिले में 561 करोड़ 32 लाख रूपये के 391 विकास कार्यों में से 100 करोड़ 32 लाख रूपये के 28 कार्यों का लोकार्पण और 461 करोड़ रूपए के 363 कार्यो का भूमिपूजन किया गया। इसी प्रकार गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 120 करोड़ 8 लाख रूपए की लागत के 361 कार्यों में 67 करोड़ 26 लाख रूपये के लागत से 300 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 52 करोड़ 81 लाख रूपये के 61 कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं।
वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रायपुर के बाल आश्रम में समाजसेवी श्रीश्रीमाल और पत्रकारिता के पुरोधा श्री गोविंदलाल वोरा की प्रतिमा का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि समाजसेवी श्री नेमीचंद श्रीश्रीमाल और पत्रकारिता के पुरोधा श्री गोविंदलाल वोरा ने समाज सेवा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। छत्तीसगढ़ में दाऊ कल्याण सिंह से लेकर नगर माता बिन्नी बाई तक त्याग, दान और परोपकार की परंपरा रही है। श्री नेमीचंद श्रीश्रीमाल जी और गोविंद लाल वोरा जी ने उसी परंपरा को आगे बढ़ाया। उनकी प्रतिमाएं लोगों को हमेशा परोपकार के लिए प्रेरित करती रहेंगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दोनों जिलों में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से चर्चा की।