संजय राय शेरपुरिया यूं तो किसी तारीफ के मोहताज नहीं हैं। कालांतर में भी उनके जनसेवा और अपने लोगों के लिए उनकी प्रतिबद्धता की खबरें आती रही हैं मगर इस बार जब समूचा भारत एक अदृश्य शत्रु के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है ऐसे
में श्री संजय राय ने जनसरोकार के कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी और जनता की बेहतरी के लिए भगीरथ प्रयास के नए मानक स्थापित कर रहे हैं।
दीगर है कि विगत माह में उन्होंने मोबाइल टेलीमेडिसिन वाहन के जरिये गाजीपुर जिले के प्रत्येक कोरोना मरीज तक पहुंचने का प्रयास किया। जिससे कोई भी व्यक्ति बिना टेस्ट, दवाइयों और इलाज के ना राह जाए। सिर्फ इतना ही नहीं जिले
में हो रही ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए उन्होंने जिला प्रशासन को 50 से अधिक ऑक्सिजन कॉन्सेनट्रेटर मुहैया कराकर कई जिंदगियों को नई सांसें देने में महती भूमिका निभाई।
फ्रंट लाइन वर्कर्स की बात करें तो उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए भी तत्पर रहने में श्री संजय राय का नाम अग्रणी रहा है। पुलिस, पत्रकारगण, रोडवेज बस कर्मचारियों समेत सभी कोरोना वारियर्स के लिए दवाई, मास्क, फेस शील्ड समेत लगभग सभी प्रकार की सुविधाएं पहुंचाने का अथक प्रयास किया। उनके इन प्रयासों का ही नतीजा है कि लगभग 22000 से भी ज्यादा लोगों तक ये सुविधाएं पहुंचाई जा चुकी हैं। जनसरोकार के इन सब मुद्दों को आगे ले जाते हुए, अंत्योदय के विचारों को आत्मसात किये हुए उन्होंने जिला अस्पताल के
भीतर कोरोना के इलाज के लिए 50 बेड का आधुनिक ट्रॉमा सेंटर बनाने का संकल्प लिया है। साथ ही जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर, सदर वोरा बाजार में एक ऑक्सिजन प्लांट और 6 वेंटिलेटर भी 10 दिनों के भीतर
कार्यरत हो जाएंगे। आज के इस कठिन हालात में जब केवल इलाज ही नहीं अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी बुरी तरह से प्रभावित है, लकड़ी की कालाबाजारी और ऊँचे दामों की वजह से जब गरीब जनता को अपने प्रियजनों की अंतिम यात्रा में भी तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में माँ गंगे की कृपा से, श्री संजय राय के लकड़ी बैंक के गठन की योजना न सिर्फ गरीब और आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों के लिए अपनो को ससम्मान अंतिम विदाई देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है बल्कि माँ गंगा की अविरल, स्वच्छ और निर्मल धारा के सतत प्रवाह को बनाए रखने में भी प्रभावी सहयोग दे रही है। यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन के संयोजक के तौर पर इसके प्रत्येक सदस्य के साथ श्री संजय राय, निःस्वार्थ भाव से
जनता की सेवा में लगे हुए हैं। विगत 20 दिनों से वो अलग-अलग क्षेत्रों, गांवों का दौरा करते हुए हर जरूरतमंद की मदद का
बीड़ा उठाये हुए है।
संजय राय का मानना है कि
आज जब देश एक ऐसी महामारी की चपेट में है जिसका न किसी को आभास था ना ही जिससे लड़ने की तैयारी थी, ऐसे में एक दूसरे का साथ देकर, कंधे से कंधा मिलाकर ही इस विकट परिस्थिति से पार पाया जा सकता है।
मुश्किल वक़्त में लोगों के साथ खड़े रहना, उनकी जरूरतों उनकी मुसीबतों का निवारण करना और जनता को साथ
लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुँचाना, सर्वोत्कृष्ठ उदाहरण है कि जनसेवा और समर्पण के मानक पर संजय राय ने नए मानक स्थापित किये हैं।