मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित आदिवासियों को उनके कब्जे वाली जमीन के पट्टे दिलवाने में सरकार का साथ दें, ताकि आदिवासी शासन की योजनाओं का लाभ उठा सकें और सक्षम बनें। श्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार की मंशा आदिवासियों को सक्षम बनाने की है और जब उन्हें जमीन का पट्टा मिलेगा, जिस पर वे काबिज हैं, तो सभी शासकीय योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे और अधिकार सम्पन्न भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर में शांति व विकास की दिशा में यह सबसे जरूरी कदम है ।

मुख्यमंत्री  बघेल शनिवार शाम अपने निवास कार्यालय में सर्व आदिवासी समाज के एक बड़े प्रतिनिधिमण्डल से चर्चा कर रहे थे इस प्रतिनिधि मण्डल में समाज के श्री सोहन पोटाई, श्री प्रकाश ठाकुर सहित श्री पप्पू नाग, श्रीमती शारदा कश्यप, श्री राजकुमार ओयामी, श्री आनंद मरकाम, श्री संदीप सलाम एवं अन्य सदस्य मौजूद थे । बैठक में उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी एवं विधायक श्री लखेश्वर बघेल मौजूद थे ।

प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से बस्तर में विकास और शांति को लेकर अपनी मांगों के साथ विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की । सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को चिन्ता थी की बस्तर में बेकसूर नागरिक न मारे जाए और बस्तर का विकास भी प्रभावित न हो । प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य नक्सल समस्या के समाधान को लेकर भी चर्चा की । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सर्वआदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि उनकी सरकार शांति व विकास के लिए कटिबद्ध है । उन्होंने यह भी कहा कि वे हर उस व्यक्ति से चर्चा करने के लिए तैयार है जो भारत के संविधान में आस्था रखते हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा की आदिवासी समाज तो हमारा अपना परिवार है उससे तो मैं हर समय बात करने के लिए तत्पर हूँ। मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के प्रतिनधियों से कहा कि बस्तर हो या सरगुजा अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाको में विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है । उन्होंने प्रतिनिधिमण्डल से कहा कि इन इलाकों में, जिस गांव में विकास के जो काम वे चाहते है वो मंजूर किए जाएंगे । उन्होंने यह भी कहा की इन इलाकों में 12वीं पास युवाओं को 50-50लाख रुपए तक के ठेके दिए जाने का प्रावधान है इसके लिए समाज के युवाओं को आगे आना चाहिए ।