केंद्रीय मंत्रिमंडल में अगले एक-दो दिन में विस्तार किया जा सकता है। कैबिनेट विस्तार में सबसे ज्यादा चर्चा मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया की ही चल रही है. सिंधिया की दादी विजय राजे सिंधिया भाजपा की संस्थापक सदस्यों में से एक थीं. कभी राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई. उनके साथ 22 विधायक भी आए. भाजपा ने उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया है. बताया जा रहा है कि राज्यसभा को लेकर ही उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ने का फैसला लिया था. इस वक्त मध्य प्रदेश में वह किंग मेकर की भूमिका में हैं. बताया जा रहा है कि सिंधिया को मोदी कैबिनेट में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है. मनमोहन सरकार में वह उर्जा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रह चुके हैं.
दलित नेताओं को मिल सकता है मौका
इनके अलावा बताया जा रहा है कि राजनीतिक के साथ सामाजिक समीकरण सही करने के लिए भाजपा किसी दलित नेता को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है. आपको बता दें कि फिलहाल मध्य प्रदेश से दो नाम जाने के बाद छत्तीसगढ़ से किसी एक दलित सांसद को मौका दिया जा सकता है। इस समबन्ध में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से चर्चा एक दो दिन में हो सकती है। प्रदेश में भाजपा के नौ सांसद और दो राज्यसभा सदस्य हैं। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और महामंत्रियों की बैठक में जानकारी पहले ही मंगवा चुके है
इनके अलावा सर्बानंद सोनोवाल को भी मौका मिल सकता है। उन्होंने असम में भाजपा को जीत दिलाकर हेमंत बिस्वा सरमा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की राह बनाई थी।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस विस्तार में कई मौजूदा मंत्रियों को हटाया जा सकता है। अभी 9 मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग हैं। इनमें प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी, डॉ. हर्षवर्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं।
मोदी सरकार में जिन भाजपा नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है कि उनमें उत्तराखंड से अजय भट्ट या अनिल बलूनी। कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक। हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र से पूनम महाजन या प्रीतम मुंडे या हिना गावित शामिल हैं। इस लिस्ट में दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम भी हो सकता है।
इनके नाम भी चर्चा में
बताया जा रहा है कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, महाराष्ट्र के नेता नारायण राणे, भूपेंद्र यादव और एक वरिष्ठ नेता जिनके पास बिहार के साथ गुजरात का भी प्रभार है उन्हें भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इनके अलावा उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वरुण गांधी, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, रीता बहुगुणा जोशी, जफर इस्लाम और अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी कतार में हैं।