भोपाल : केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने आज यहां मध्यप्रदेश से राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी के रूप में नामांकनपत्र दाखिल किया।
श्री मुरुगन ने यहां विधानसभा परिसर में राज्यसभा उपचुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह के समक्ष नामांकनपत्र दाखिल किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और अन्य भाजपा नेता भी मौजूद थे।
मूलरूप से तमिलनाडु निवासी एवं अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री मुरुगन इसके पहले विमान से यहां पहुंचे। वे विश्रामभवन में कुछ देर ठहरने के बाद प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे और वहां से सीधे विधानसभा भवन पहुंचकर नामांकनपत्र दाखिल किया।
इस मौके पर श्री मुरुगन ने पत्रकारों से चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के प्रति उन्हें राज्यसभा प्रत्याशी बनाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने श्री चौहान, श्री विष्णुदत्त शर्मा और भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के प्रति भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने उनके भोपाल पहुंचने पर काफी स्नेह और सम्मान दिया।
इस मौके पर श्री चौहान और श्री शर्मा ने भी पत्रकारों से चर्चा में कहा कि वे श्री मुरुगन का मध्यप्रदेश की धरती पर स्वागत करते हैं। दोनों नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के प्रति भी आभार जताया कि उन्होंने श्री मुरुगन को यहां से राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया है। श्री चौहान ने बताया कि श्री मुरुगन काफी वर्षों से भाजपा और इससे जुड़े संगठनों से जुड़े हैं और तमिलनाडु में इस दल का ध्वज लहरा रहे हैं।
श्री मुरुगन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं और उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्यसभा उपनिर्वाचन के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। श्री मुरुगन को कुछ समय पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पेशे से अधिवक्ता श्री मुरुगन अनुसूचित जाति वर्ग का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी का चुना जाना तय है और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारने का निर्णय लिया है। इसलिए श्री मुरुगन को निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुना जाना तय माना जा रहा है। इसकी घोषणा नाम वापसी की तिथि 27 सितंबर को की जा सकती है।
प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता थावरचंद गेहलोत ने 07 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था और इस वजह से एक सीट रिक्त हुयी है। इसे भरने के लिए उपचुनाव हो रहा है। श्री गेहलोत को कर्नाटक में राज्यपाल बनाया गया है।
राज्यसभा उपनिर्वाचन के लिए निर्वाचन अधिकारी एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह के अनुसार उपचुनाव के लिए अधिसूचना तय कार्यक्रम के अनुरूप 15 सितंबर को जारी हो गयी है और नामांकनपत्र दाखिले की अंतिम तिथि 22 सितंबर है। अगले दिन 23 सितंबर को नामांकनपत्रों की जांच की जाएगी और प्रत्याशी 27 सितंबर तक नाम वापस ले सकेंगे। आवश्यकता हुयी तो मतदान 04 अक्टूबर को करवाया जाएगा।
दो सौ तीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में वर्तमान में सत्तारूढ़ दल भाजपा के सबसे अधिक 125 विधायक हैं। इस लिहाज से उपचुनाव में यह सीट भाजपा के खाते में जाना तय है। प्रदेश कांग्रेस उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतार रही है। विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 95, बहुजन समाज पार्टी के 02, समाजवादी पार्टी का 01 और 04 सदस्य निर्दलीय हैं। इसके अलाव तीन स्थान रिक्त हैं।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा की कुल 11 सीट हैं। एक स्थान रिक्त होने के बाद 10 राज्यसभा सांसदों में से 07 भाजपा के और 03 कांग्रेस के हैं।
श्री गेहलोत का कार्यकाल दो अप्रैल 2024 तक था। इसलिए उनके त्यागपत्र के कारण रिक्त हुयी सीट पर विजयी प्रत्याशी का कार्यकाल दो अप्रैल 2024 तक रहेगा।