चित्रकूट। प्रियंका गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश के महिलाओं को शस्त्र उठाने का आह्वान दक्षिणपंथी विचारकों के गले नहीं उतर रहा है। कांग्रेस महासचिव ने लेखक पुष्यमित्र की एक कविता क्या पढ़ी वे भड़क गए। पुष्यमित्र ने प्रियंका गांधी पर यह कहते हुए कविता चोरी का आरोप लगा दिया कि मैं आपका विरोधी हूं।

दक्षिणपंथी लेखक माने जाने वाले पुष्यमित्र ने आगे कहा कि, ‘यह कविता साल 2012 में निर्भया कांड पर लिखी गई थी। इसका संदेश और आह्वान आपकी राजनीतिक कुंठाओं से भिन्न और व्यापक है। हमारा अनुरोध है कि इस कविता का प्रयोग क्षुद्र राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए कर के इसके मर्म को दूषित न करें।

दरअसल, प्रियंका गांधी बुधवार को चित्रकूट पहुंची थी। यहां उन्होंने नंगे पैर 5 किलोमीटर की कामदगिरि पर्वत की मौन परिक्रमा लगाई। इसके बाद मंदाकिनी नदी के रामघाट पर उन्होंने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं‘ संवाद को संबोधित किया। रामघाट पर प्रियंका को सुनने हजारों की संख्या में महिला शक्ति उमड़ी थी। इस दौरान उन्होंने एक कविता ‘उठो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आयेंगे’ का पाठ कर महिलाओं से आह्वान किया कि उन्हें खुद के हालत बदलने के लिए स्वयं संघर्ष भी करना होगा। 

छोडो मेहँदी खडक संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो

द्यूत बिछाये बैठे शकुनि,मस्तक सब बिक जायेंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आयेंगे|

कब तक आस लगाओगी तुम,

बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से|
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचायेंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आयंगे|