छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की प्रथम बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि उद्योगों और बाजार की मांग के अनुसार युवाओं को रोजगार के लिए तैयार किया जाए, उन्हें प्रशिक्षण देकर विभिन्न ट्रेडों में दक्ष बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन किया जाए। इन उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और सर्टिफिकेशन के लिए छत्तीसगढ़ में स्थित उच्च तकनीकी संस्थानों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि नए स्टार्टअप के लिए बेहतर इको-सिस्टम तैयार किया जाए, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकंे।
मुख्यमंत्री बघेल की अध्यक्षता में आज उनके निवास कार्यालय में आयोजित की गई बैठक में रोजगार मिशन के स्वरूप, कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने रोजगार के नए अवसरों के सृजन की दिशा में तेजी से काम करने और नियमित रूप से रोजगार मिशन के कार्यों की समीक्षा के निर्देश दिए। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में आगामी पांच वर्षों में रोजगार के 12 से 15 लाख नये अवसरों का सृजन करने के उद्देश्य से राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया है।
मुख्यमंत्री ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के राज्य स्तरीय कार्यालय का राजधानी रायपुर में शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री एवं छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव एवं छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के उपाध्यक्ष श्री अमिताभ जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने आई.आई.टी., आई.आई.एम., ट्रिपल आई.आई.टी. और एन.आई.टी. के डायरेक्टरों से भी रोजगार सृजन के संबंध में सुझाव लिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादों के सर्टिफिकेशन और मानकीकरण के लिए उच्च शैक्षणिक संस्थान आगे आए। उन्होंने इन संस्थानों से नए स्टार्टअप के साथ ही देश की प्रतिष्ठित कम्पनियों को छत्तीसगढ़ लाने में सहयोग का आग्रह किया। इन कम्पनियों के आने से छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षित युवाओं के लिए राज्य में ही अच्छे अवसर निर्मित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उद्योगों की जरूरतों के अनुसार युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण देकर उनका कौशल उन्नयन किया जाए, इससे युवाओं को उद्योगों में आसानी से नियोजित किया जा सकता है। इसी प्रकार जिन क्षेत्रों में नए उद्योग लगने हैं वहां उद्योग लगने के पूर्व उस क्षेत्र के युवाओं का सर्वे कर उनकी शैक्षणिक योग्यता और आने वाले उद्योगों के जरूरतों के मुताबिक कौशल उन्नयन कराया जाए। जिससे स्थानीय युवाओं को इन उद्योगों में रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में नए उद्योग लगने हैं उन क्षेत्रों में युवाओं का सर्वे कलेक्टरों के माध्यम से किया जाएगा। युवाओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार विभिन्न टेªडों में आई.टी.आई., लाईवलीहुड कॉलेज आदि में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि शहरी क्षेत्रों के बाजारों में यह सर्वे कराया जाए कि किन उत्पादों की अच्छी खपत है। सर्वे के आधार पर ऐसे उत्पादों का गौठानों में विकसित हो रहे रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क में उत्पादन कराया जाए। दुकानों से आर्डर लेकर सप्लाई की जाए। इस कार्य में स्थानीय लोगों को जोड़ा जाए। श्री बघेल ने कहा कि प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, बढ़ईगिरी जैसे छोटे-छोटे काम करने वाले लोगों को आसानी से रोजगार मिल सके इसके लिए पूर्व में तैयार किए गए पोर्टल को पुनः सक्रिय किया जाए। शहरी क्षेत्र में इन कार्यों की बड़ी मांग है। लोगों को इन कामों के लिए लोग नहीं मिलते हैं।
प्रमुख सचिव कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ.आलोक शुक्ला ने बैठक में छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र की प्रगति, गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, गोधन न्याय योजना, लघु वनोपजों के संग्रहण और वेल्यू एडिशन से रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर निर्मित हुए हैं। शासकीय और निजी क्षेत्र में भी लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिला है। जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर घटकर मात्र 2.1 प्रतिशत रह गई है।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन रोजगार से संबंधित विभिन्न विभागों पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि, मत्स्य पालन, हार्टीकल्चर, वन, उद्योग, ग्रामोद्योग, नगरीय प्रशासन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, कौशल विकास कार्यक्रम, गौठान, गोधन न्याय योजना, बाड़ी योजना और टी-कॉफी बोर्ड के कार्यों के मध्य समन्वय स्थापित करेगा। उन्होंने ने बताया कि मिशन रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण, सेवा तथा उत्पादन क्षेत्रों में ब्रांडिंग और मार्केटिंग, निजी कम्पनियों के साथ सहयोग कर रोजगार के बेहतर अवसरों के निर्माण के दिशा में काम करेगा। मिशन द्वारा छत्तीसगढ़ के बेहतर उत्पादों और सेवाओं के संबंध में शोध को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ स्टार्टअप के लिए बेहतर इको-सिस्टम निर्मित करने में सहयोग करेगा। प्रस्तुतिकरण के दौरान यह भी जानकारी दी गई कि रोजगार के नए अवसरों को निर्मित करने के लिए इको-पर्यटन, एडवेंचर पर्यटन, होम-स्टे, फूड प्रोसेसिंग, वनौषधि, हस्तशिल्प और कोसा और रेशम का बेहतर मार्केट बनाने के लिए काम करेगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, वित्त सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी.,मुख्यमंत्री के सचिव द्वय श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, डॉ एस. भारती दासन, संचालक उद्योग श्री अनिल टुटेजा, आई.आई.एम. रायपुर के डायरेक्टर श्री भारत भास्कर, आई.आई.टी. भिलाई के डायरेक्टर श्री रजत मूना, ट्रिपल आई.आई.टी. नवा रायपुर के डायरेक्टर प्रदीप कुमार सिन्हा, एन.आई.टी. रायपुर के प्रोफेसर मनोज कुमार, मुख्यमंत्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया भी उपस्थित थी।