गणतंत्र दिवस से पहले राजपथ पर आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में ‘गोधन न्याय योजना’ पर आधारित छत्तीसगढ़ की झांकी एवं कलाकारों ने भाग लिया। परेड का आगाज सुबह 10:20 बजे विजय चौक से हुआ, इसके बाद परेड राजपथ व इंडिया गेट से होते हुए नेशनल स्टेडियम तक गई। 23 जनवरी को सुबह 9.15 बजे से लेकर परेड खत्म होने ये मार्ग पूरी तरह बंद करने का आदेश जारी किया गया था।
छत्तीसगढ़ के गाँव और गोठान अब देश के सबसे बड़े और मुख्य समारोह की शान बनेंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सफल और महत्वाकांक्षी गोधन योजना इस बार राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस के परेड समारोह का हिस्सा बनेगी। देश के सभी राज्यों में से केवल 21 राज्यों को ही इस बार राजपथ पर अपने राज्य की झांकी के प्रदर्शन का अवसर मिला हैं ।
कई राज्यों को नहीं मिली जगह :
राजपथ पर गणतंत्र दिवस पर देश के कई राज्यों को अपनी अपनी राज्यों की संस्कृति योजनाओं को झांकी के रूप में प्रदर्शन किया जाता है। जानकारी के अनुसार इस साल झांकियों के लिए आए 56 प्रस्तावों में से केवल 21 का चयन किया गया है। जिसमे केरला, तमिलनाडु , पश्चिम बंगाल को इस साल मौका नहीं मिला है। जिससे सियासत भी गर्म है इन राज्य सरकारों ने मोदी सरकार पर राजपथ की झांकी में सम्मिलित नहीं करने का आरोप लगाया है गणतंत्र दिवस परेड के लिए इस साल की थीम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ है। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर यह थीम तैयार की गई है।
रक्षा मंत्रालय गणतंत्र दिवस परेड और समारोहों के लिए जिम्मेदार नोडल मंत्रालय है। वही सुरक्षा, परेड की तैयारी और झांकी की सारी व्यवस्था देखता है। मंत्रालय हर साल सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्र सरकार के विभागों और कुछ संवैधानिक संस्थाओं को झांकी के माध्यम से परेड में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है। जिसमें चुनाव आयोग और नीति आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाएं भी हिस्सा लेती हैं। आमंत्रण पत्र में यह कहा जाता है कि ‘चयन का अंतिम चरण राजपथ पर झांकी की परेड की गारंटी नहीं है।’ झांकी जमीन से 45 फीट से लंबी, 14 फीट से चौड़ी और 16 फीट से ऊंची नहीं होनी चाहिए।