भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और सुराजी गांव योजना किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाली योजनाएं साबित हुई हैं। गोधन न्याय योजना को लगातार नया आयाम दिया जा रहा है। अब प्रदेश में गोधन न्याय योजना का संचालन मिशन के रूप में किया जा रहा है। इस योजना में गौठानों में गोबर के क्रय, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने सहित गौठानों में संचालित विभिन्न आयमूलक गतिविधियों से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिल रही है। आने वाले समय में गांव-गांव में बनाए गए गौठानों को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की, इस राशि में 16 जनवरी से 15 फरवरी तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 5 करोड़ 62 लाख रूपए का भुगतान तथा गौठान समितियों को 1.88 करोड़ और महिला समूहों को 2.75 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर विक्रेताओं को गोबर खरीदी शुरू होने से लेकर अब तक 127 करोड़ 79 लाख रूपए राशि का भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार इस योजना के शुरू होने से लेकर अब तक स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को कुल 79 करोड़ 39 लाख रूपए की भुगतान किया जा चुका है।
कार्यक्रम में गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जैविक गुलाल एवं पूजन सामग्री तैयार करने के लिए संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी तथा श्री गणेश ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के तहत प्रथम चरण में दुर्ग एवं रायपुर जिले के 10 गौठानों में जैविक गुलाल एवं पूजन सामग्री निर्मित की जाएगी। इसके लिए दोनों जिलों के 150 महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ा गया है। महिला स्व-सहायता समूह जैविक गुलाल के साथ-साथ पूजन सामग्री जिसमें चंदन पाउडर, रूई बत्ती, कुमकुम, रोली, हवन आदि सामग्री तैयार करेंगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर राज्य के गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक रूप से निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पादों के एकीकृत ब्रांडनेम ‘अर्थ‘ को लॉन्च किया। इसके साथ ही बाजार में अर्थ ब्रांडनेम से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों के गिफ्ट हैम्पर विक्रय के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अर्थ ब्रांड के लोगो का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी उत्पादों की मार्केटिंग ूूूण्ंतजीबहण्बवउ वेबसाईट के माध्यम से की जाएगी। गौठानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक पदार्थाें पर आधारित इम्यूनिटी-टी, एसेंशियल ऑयल, साबुन, जैविक गुलाल और पूजन सामग्र्री जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनांदगांव जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जैविक-गुलाल और पूजन-सामग्री के निर्माण का कार्य शुरु किया गया था। वहां इसके लिए सखी समूह संगठन सोमनी और श्री गणेश ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ है। राजनांदगांव की बहनों को इस काम में बहुत अच्छी सफलता मिली है। अब इसी काम का विस्तार करते हुए इसे रायपुर और दुर्ग जिले के गौठानों में भी शुरु किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट के निर्माण के साथ बिजली उत्पादन, प्राकृतिक पेन्ट निर्माण, दाल मिलों और तेल मिलों की स्थापना जैसे कार्य हो रहे है। अब तक गौठानों में 18 तेल मिलों और 53 दाल मिलों की स्थापना का कार्य किया जा चुका है। गौठानों में 152 तेल मिल और 173 दाल मिल स्थापित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल राज्य में 97.98 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। किसान भाईयों को 19 हजार 36 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड बन रहा है। प्रदेश में धान के रकबे और धान बेचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।