मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार यमुना नदी की सफाई के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिन-रात लगातार काम कर रही है। इसी प्रयास की दिशा में जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन द्वारा आज नजफगढ़ और मटियाला निर्वाचन क्षेत्र की 84 कॉलोनियों और 27 गांवों में 505 किलोमीटर के विशाल सीवर नेटवर्क की आधारशिला रखी गई है।

मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने मंत्री एवं स्थानीय विधायक श्री कैलाश गहलोत के साथ नजफगढ़ में 346 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने के कार्य का उद्घाटन किया। ये सीवर लाइन मित्रांव, कैर, जाफरपुर, काजीपुर, खेरा डाबर, सारंगपुर और दिचाओं समूह के कॉलोनियों के विभिन्न हिस्सों में बिछाई जाएगी। मौजूदा सीवरेज व्यवस्था को मजबूत करने के क्रम में नजफगढ़ में लगभग 76 कॉलोनियों और 26 गांवों में सीवर लाइन बिछाने का काम जोरों पर है। इस परियोजना के पूरा होने पर इससे क्षेत्र के अंदर और बाहर रहने वाले लगभग 8 लाख लोगों को लाभ होगा। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यमुना नदी की सफाई में इसका बहुत बड़ा योगदान होगा। सीवर की स्थापना से क्षेत्र के हजारों निवासियों को लाभ होगा। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में, सीवरेज सिस्टम की अनुपलब्धता के कारण, इस क्षेत्र से उत्पन्न सीवरेज को स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक, बरसाती जल निकासी आदि में छोड़ा जा रहा है। जिससे नाले अप्रत्यक्ष रूप से नजफगढ़ नाले के माध्यम से यमुना नदी में चला जाता है, जिससे नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है। इस जल-प्रदूषणकारी सामग्री को कम करने और सीवेज को इकट्ठा करने के लिए सीवर लाइनें बिछाई जाएंगी और इसे पास के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट किया जाएगा। हर घर को सीवर कनेक्शन से जोड़ने से हम सीवेज के बेहतर संग्रह, उपचार और प्रबंधन की ओर अग्रसर होंगे, जिसके परिणाम स्वरूप अनुपचारित सीवेज की एक भी बूंद यमुना में नहीं गिरेगी।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक एवं मंत्री श्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह नजफगढ़ के निवासियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। दिल्ली के गांवों को पिछली सरकारों ने 70 साल से अधिक समय तक नजरअंदाज किया, लेकिन  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली के गांव और कॉलोनियां हर दिन विकास की नई कहानियां लिख रहे हैं। पानी की पाइप लाइन उपलब्ध कराने के बाद अब हम ग्रामीण क्षेत्र के हर घर को सीवर लाइन से जोड़ेंगे। ये सीवर लाइनें क्षेत्र के आसपास की आबादी की आवश्यकता को पूरा करेंगी और यमुना नदी की सफाई की दिशा में एक बेहतरीन कदम भी साबित होंगी।  यह काम 15 महीने में पूरा हो जाएगा और इससे नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र के निवासियों को फायदा होगा।
इसी प्रकार मटियाला विधानसभा क्षेत्र में जल मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने विधायक गुलाब सिंह के साथ कंगनहेरी, गोयला विहार, खेड़ा डाबर और सारंगपुर समूह के कॉलोनियों में 159 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन का शिलान्यास किया। इस कदम से मटियाला में 8 कॉलोनियों और 11 गांवों में रहने वाले लगभग 15 लाख लोगों को लाभ होगा। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “सीवर लाइन, मटियाला में गांवों के विकास के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ के रूप में कार्य करेगा। किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं का प्रावधान मौलिक होता है। उन्होंने आगे कहा, “इस गांव की सीवेज व्यवस्था में सुधार कर हम इसे प्रगति और विकास के पथ पर ला रहे हैं।”
नजफगढ़ और मटियाला निर्वाचन क्षेत्र में इन सीवर लाइनों की शुरूआत से कांगेहेरी, बडू सराय, राघोपुर, नानाखेड़ी, मित्रांव, सुरखपुर, झरोदा कलां, मुंधेला खुर्द, मुंधेला कलां, कैर, सारंगपुर, ढांसा, मलिकपुर, दरियापुर, झुलझुली, घुम्मनहेड़ा, खेरा डाबर, सुरहेरा, काजीपुर, इस्सापुर, बक्करगढ़, जाफरपुर, समसपुर, उजवा, गालिबपुर, रावता, दौराला आदि जैसे कई गांवों को लाभ होगा।

इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों अर्थात नजफगढ़ और मटियाला के अनधिकृत कॉलोनियों जैसे कि गोयला विहार, कुतुब विहार, समता एन्क्लेव, आबादी गाँव, इस्सापुर के पास ढांसा गाँव, ग्रामीण गाँव मलिकपुर, शिव विहार कॉलोनी, बाबा गरीब दास कॉलोनी, खेरा डाबर एक्सटेंशन, जाफरपुर एक्सटेंशन, डाबर एन्क्लेव सीनियर (ब्लॉक-ए), दुर्गा एन्क्लेव ढांसा रोड, साई लाल बेग हाउसिंग कॉम्प्लेक्स ग्राम जफरपुर कलां, नई दिल्ली, माधव एन्क्लेव खिरा रोड, आदि के निवासियों को इन सीवर लाइनों के बिछाने से लाभ होगा।

हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी की जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करने के अपने निरंतर प्रयासों में बवाना और नरेला निर्वाचन क्षेत्र की 16 अनधिकृत कॉलोनियों में 80 किमी और 10 किमी सीवर लाइनों की आधारशिला रखी गई है।  क्षेत्र के सभी घरों को सीवेज नेटवर्क से जोड़ने के लिए संगम विहार और देवली निर्वाचन क्षेत्र में 71.51 किमी लंबी सीवर लाइन भी बिछाई गई है।

अपने कई हस्तक्षेपों के साथ, दिल्ली सरकार मौजूदा अपशिष्ट जल प्रबंधन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यमुना नदी से प्रदूषण को कम करने के पथ पर अग्रसर है।