मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में यूरोपीय देशों की तर्ज पर बनाई जा रही दिल्ली की सड़कों को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को दिल्ली की सड़कों को यूरोपीय तर्ज पर बनाने के पायलट प्रोजेक्ट का काम अगस्त तक पूरा करने के निर्देश दिए। केजरीवाल सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की 32.5 किलोमीटर लंबी सात सड़कों को यूरोपीय स्तर का बना रही है। इस तरह, केजरीवाल सरकार दिल्ली की कुल 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपीय देशों के स्तर का बनाएगी। इन सड़कों के सौदर्यीकरण के लिए दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग को भी लगाया गया है। पर्यटन विभाग दुबई, सिंगापुर, लंदन जैसे देशों की तर्ज पर सड़कों के किनारे हरियाली और अन्य सुविधाएं विकसित कर रहा है। इस समीक्षा बैठक में दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की कुल 540 किलोमीटर लंबी सड़कों यूरोपीय देशों के स्तर का बनाने का कार्य कर रही है। सरकार अभी पायलट प्रोजेक्ट पर काम रही है। इस संबंध में आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक कर पायलट प्रोजेक्ट की समीक्षा की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों से प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति की प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की। इस दौरान पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने अवगत कराया कि पायलट प्रोजेक्ट पर तेजरी से काम चल रहा है और पायलट प्रोजेक्ट का काम अगस्त 2022 तक पूरा हो जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत 32.5 किलोमीटर लंबी सात सड़के हैं, जिनका यूरोपीय देशों की तर्ज पर सौदर्यीय करण किया जा रहा है। इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को अगस्त तक पायलट प्रोजेक्ट को पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि अन्य सड़कों पर काम तेजी से शुरू किया जा सके।
सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर यूरोपीय सड़कों के सौंदर्यीकरण कार्य में दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग को भी लगाया गया है। पर्यटन विभाग दुबई, सिंगापुर, लंदन जैसे देशों की तर्ज पर सड़कों के किनारे हरियाली और अन्य सुविधाएं विकसित कर रहा है। जिसके तहत दिल्ली पर्यटन विभाग 5.2 किलोमीटर लम्बी सड़क का सौंदर्यीकरण पायलट के तौर पर कर रहा है।
*इन सात सड़कों का पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा सौंदर्यीकरण*
1- रिंग रोड मायापुरी से मोती बाग जंक्शन2- एम्स से आश्रम तक रिंग रोड3- विकास मार्ग-लक्ष्मी नगर चुंगी से करकरी मोड़4- नरवाना रोड-मदर डेयरी से पंच महल निवास5- ब्रिटानिया चौक से आउटर रिंग रोड, वेस्ट एन्क्लेव, पीतमपुर6- वजीरपुर डिपो क्रॉसिंग (एनएसपी) से रिठाला मेट्रो स्टेशन7- शिवदासपुरी मार्ग और पटेल रोड (मोती नगर टी-प्वाइंट से पूसा रोड तक)
*आधुनिकता के साथ राष्ट्रवाद की झलक भी पेश करेगी सड़कें*
यूरोपीय तर्ज पर विकसित की जा रही दिल्ली की सड़कें आधुनिकता के साथ ही देशभक्ति को भी पेश करेंगी, ताकि यूरोपीय तर्ज पर विकसित इन सड़कों से कोई गुजरे, तो उसमें आधुनिकता के साथ देशभक्ति की भावना भी जागृत हो। लोगों में राष्ट्रवाद के प्रति अलख जगाने के लिए सड़क के किनारे भगत सिंह और रानी लक्ष्मी बाई जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां लगाई गई हैं। साथ ही, दो फौब्बारे, एफओबी पर कलाकृति, सैंड स्टोन बेंच, बुद्ध प्रतिमा, स्टेट ऑफ आर्ट इंफो बोर्ड, इस्पात तत्व, सैंड स्टोन आर्ट का कार्य किया गया है। सड़क के एक तरफ साइकल ट्रैक और फुटपाथ बनाया गया है।
विकसित देशों की की तरह खूबसूरत दिखेंगी दिल्ली की सड़कें
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों को री-डिजाइन करने की परिकल्पना की है, ताकि राष्ट्रीय राजधानी की सड़कें भी दुनिया के विकसित देशों की राजधानी की सड़कों की तरह खूबसूरत दिखें। सीएम अरविंद केजरीवाल के नवंबर 2019 में पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कुछ सड़कों को री-डिजाइन करने की मंजूरी दी थी। इसके तहत दिल्ली सरकार ने 100 फीट, चौड़ी 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपीयन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने का फैसला किया है। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की 7 सड़कों को री-डिजाइन करने को मंजूरी दी गई है।
सड़कों को री-डिजाइन कर दूर की जाएंगी समस्याएं
सड़कों के री-डीजाइन करने से बाटलनेक खत्म होंगे। अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है। इससे अचानक सड़क पर एक जगह वाहनों का दबाव बढ़ जाता है और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। सड़कों के री-डिजाइन के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी और सड़क एक समान चौड़ी दिखेगी, इससे जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। सड़क किनारे या आस-पास की सड़कों का स्पेस खत्म करके उस जगह का अच्छे से इस्तेमाल किया जाएगा। फुटपाथ, नाँन मोटर व्हीकल के लिए जगह बनाई जाएगी। कम से कम 5 फुट के फूटपाथ को बढ़ाकर अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा। दिव्यांगों की सुविधा के मुताबिक फूटपाथ को डिजाइन किया जाएगा, ताकि सड़क एक जैसी दिखें और दिव्यांगों को परेशानी न हो।
सड़कों के किनारे बढ़ाई जाएगी हरियाली
दिल्ली में अभी सड़कों के किनारे हरियाली का दायरा कम है। सड़कों के री-डिजाइन के बाद फुटपाथ पर पेड़ लगाने के लिए जगह होगी और ग्रीन बेल्ट के लिए भी जगह होगी। आटो व ई-रिक्शा के लिए अलग से जगह और स्टैंड दिया जाएगा। सड़क के स्लोप व नालों को री-डिजाइन व री-कंस्ट्रक्ट किया जाएगा। नालों के अंदर री-हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे होंगे। सड़क के स्लोप को ठीक किया जाएगा, ताकि बारिश के पानी को जमीन में री-चार्ज किया जा सके। स्ट्रीट फर्नीचर लगेंगे, जंक्शन को ठीक किया जाएगा और सड़क पर कोई खुला स्पेस नहीं होगा। सड़क किनारे घास या पेड़ लगाया जाएगा और सड़कों को री-सर्फेस किया जाएगा।
सड़कों पर घास लगा कर खत्म किया जाएगा धूल का प्रदूषण
सड़कों के री-डिजाइन के बाद सड़क के आस-पास एक इंच जमीन भी खाली नहीं होगी, जहां पर घास न लगी हो, ताकि सड़क पर धूल से प्रदूषण बिल्कुल न हो। अभी सड़कों पर धूल उड़ने की समस्या है, जिससे लोगों को धूल प्रदूषण की समस्या होती है। सड़क के किनारे खाली जमीन पर ग्रीन बेल्ट या घास लगाई जाएगी, ताकि हरियाली की वजह से सड़कें खूबसूरत दिखें और धूल से होने वाला प्रदूषण कम किया जा सके।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत बन रही सड़कों पर यह पौंधे लगेंगे
पर्यटन विभाग यूरोपीय तर्ज पर विकसित की जा रही सड़कों पर टोपरी ग्रुप के पौधे लगाएगा। इस टोपरी गुप के अधिकांश पौधे अधिक ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले और देखने में सुदर होते हें। इन पौधों को सजावट के लिए उपयोग किया जााता है। इसके अलावा, बिस्मार्किया नोबिलिस, रॉयस्टोना रेजिया, फीनिक्स डैक्टिलिफेरा प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। पाम ग्रुप के पौधे भी लगाए जाएंगे। यह पौधे पत्ते व तने सजावटी में इस्तेमाल होते हैं और सौंदर्यीकरण उद्देश्य के लिए उपयोग किए जाते हैं।
री-डिजाइन सड़कों पर यह प्रमुख सुविधाएं होंगी-
– रिक्शा के लिए पार्किंग – पार्किंग के लिए स्थान चिंहित – ग्रीन बेल्ट – पब्लिक ओपन स्पेश – साइकिल लेन- पैदल पाथ लेन- सड़क की दीवारों पर विभिन्न तरह की डिजाइन का डिस्प्ले होगा।- सड़क के बगल में पार्क होगा तो उसे दीवार से ढका नहीं जाएगा, ताकि सड़क से पार्क की खूबसूरती दिखे।