छत्तीसगढ़ के लोकपर्व हरेली पर सरकार की महत्वाकांक्षी गो-मूत्र खरीदी की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी गोशाला से लाया गो-मूत्र बेचकर इसकी शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने पांच लीटर गो-मूत्र बेचा। उन्हें इसके लिए चार रुपया प्रति लीटर की दर से 20 रुपए का तुरंत भुगतान भी मिल गया। इस तरह मुख्यमंत्री इस योजना के पहले विक्रेता बन गए।

गोधन न्याय योजना की शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री निवास में विशेष व्यवस्था की गई थी। चंदखुरी की निधि स्व-सहायता समूह ने यहां खरीदी का स्टॉल लगाया। वहां एक गैलन में गो-मूत्र लेकर पहुंचे मुख्यमंत्री ने समूह के रजिस्टर में अपना नाम-पता दर्ज किया। उसके बाद गो-मूत्र को मापा गया।

हरेली से ही शुरू हुई थी गोधन न्याय योजना

सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की शुरुआत भी हरेली के दिन हुई थी। 20 जुलाई 2020 से शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है। गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट बनाया जा चुका है। वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।

हरेली पर्व पर छत्तीसगढ़ भवन, नई दिल्ली में कृषि उपकरण और छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा करतीं महिलाएं।