गौठनों में कृषि उपकरणों की पूजा, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की स्टॉल, वृक्षारोपण, गो मूत्र खरीदी की शुरुआत के साथ ही स्थानीय खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन

श्रीमती अर्चना पोर्ते की मुख्य आतिथ्य में गांगपुर गौठान में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित

गौरेला पेंड्रा मरवाही, 28 जुलाई 2022/ छत्तीसगढ़ की पहली पारंपरिक और हरियाली एवं खुशहाली का पर्व हरेली तिहार आज जिले में भारी उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया।

राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य श्रीमती अर्चना पोर्ते के मुख्य आतिथ्य में आज गौरेला विकासखंड के गांगपुर गौठान में जिला स्तरीय कार्यक्रम के साथ ही जिले के सभी गौठानों और स्कूलों में पारंपरिक रूप से हरेली तिहार मनाया गया। श्रीमती पोर्ते ने गौठान में वृक्षारोपण करने के साथ ही ग्रामीण जनों को 500 फलदार पौधे को वितरित कर सबके के लिए खुशहाल जीवन की कामना की।

हरेली तिहार में सभी गौठनों में कृषि उपकरणों की पूजा, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की स्टॉल, वृक्षारोपण, गो मूत्र की खरीदी की शुरुआत की गई। इसके साथ हि कार्यक्रम में गीत, नृत्य, गेढ़़ी दौड़, मटकी दौड़ आदि खेल-कूद प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई।

गांगपुर गौठान में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में कलेक्टर ने कहा कि हरेली तिहार, छत्तीसगढ़ की मान सम्मान, संस्कृति और अस्मिता से जुड़ा है, हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए इसे संजो के रखना है। हरेली तिहार के माध्यम से हम अपनी संस्कृति, पारंपरिक खेलों और पारंपरिक व्यंजनों को अपनी जीवन शैली में अपनाएं। उन्होने कहा कि जमीन में जितनी मेहनत करेंगे जमीन हमें उतना लाभ देगा। जिनके पास जमीन नहीं है वे गौठानों एवं चारागाहों में मेहनत करके लाभ उठा सकते है। इसके साथ हि कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी गौठानों को राज्य स्तर में सर्वोत्तम बनाना है।

गोधन न्याय योजना के तहत गौठनों में गोबर खरीदी के जरिए बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गोमूत्र की खरीदी भी शुरू की गई है। इससे कीट नियंत्रक उत्पाद, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे, ताकि राज्य के किसानों को महंगे रासायनिक कीटनाशकों के बदले सस्ते दर पर जैविक कीटनाशक उपलब्ध हो सके।

इसका उद्देश्य खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम करना है। अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों का खेती में उपयोग होने से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है। भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है। खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की मात्रा बढ़ रही है ,जिसके कारण जन जीवन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

अब गौठनों में गोमूत्र की खरीदी कर प्रशिक्षित महिला समूह के माध्यम से इससे कीटनाशक उत्पाद, जीवामृत आदि तैयार किए जाएंगे, जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी।

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक रासायनिक कीटनाशक का बहुत ही बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है।

पत्ती खाने वाले ,फल छेदक एवं तना छेदक कीटों के प्रति गोमूत्र कीटनाशक का उपयोग ज्यादा प्रभाव कारी है। इसका उपयोग कृषि, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है। इसके साथ ही मरवाही जनपद के ग्राम गुल्लीडांड, सेखवा, पेंड्रा जनपद के ग्राम पंचायत आमाडांड में भी खंड स्तरीय हरेली त्यौहार मनाए गए। कार्यक्रम में परियोजना निदेशक डीआरडीए श्री आर के खूंटे, उपाध्यक्ष जनपद पंचायत गौरेला श्रीमती सविता राठौर, जनपद सदस्य मोनिका कोरी, अनुविभागीय अधिकारी पुष्पेंद्र शर्मा, जनपद सीईओ श्री यशपाल सिंह, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अमोल पाठक के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और सम्मानीय नागरिक गण उपस्थित थे I