मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 22 अगस्त से हड़ताल पर गए कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए कर्मचारियों का ध्यान जनता को हो रही परेशानियों की तरफ आकर्षित किया।
उन्होंने कर्मचारियों को यह आश्वासन भी दिया है कि सरकार राज्य के वित्तीय संसाधनों को देखते हुए कर्मचारी हित में निर्णय लेती आई है और आगे भी लेती रहेगी।22 अगस्त से छत्तीसगढ़ के अधिकारी एवं कर्मचारी सातवें वेतनमान और डी.ए. में बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। छत्तीसगढ़ की जनता को इस हड़ताल के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जनता के कई जरूरी काम इस हड़ताल से प्रभावित हुए हैं। आम जनजीवन पर इसका खासा प्रभाव पड़ा है। यह सब देखते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों से काम पर वापस लौटने की अपील की।मुख्यमंत्री जी ने ट्वीट के माध्यम से अधिकारियों से अपील कर कहा की हड़ताल पर जाने से आम जनता का कामकाज कई दिनों से रुका हुआ है।
अधिकारियों को कर्तव्यों का निर्वहन करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना इस बात की मिसाल है, सरकार अपने कर्मचारियों के हितों को सदैव ध्यान में रखकर फैसले लेती आई है।
पुरानी पेंशन योजना : मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने 9 मार्च को राज्य की विधानसभा में सरकार का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया।
बजट में राज्य सरकार के शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की घोषणा की गई थी। इस योजना से 2004 के बाद से नियुक्त कर्मचारियों और अधिकारियों को नवीन अंशदाई पेंशन योजना की कटौती यों से मुक्ति मिली।
इस पहल के बाद कर्मचारियों के खाते से वेतन का केवल 12% जीपीएफ काटा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारियों को इससे लाभ हुआ है।
बेमेतरा विधायक आशीष कुमार छाबरा सहित राज्य की जनता ने मुख्यमंत्री के ट्वीट को रीट्वीट कर सभी कर्मचारियों से हड़ताल ख़त्म करने की अपील की है।