भोपाल : स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के तहत देश के 10 राज्यों में चिन्हांकित 2.80 लाख किसानों की कृषि सम्बधी समस्याओं का आधुनिक तकनीक के माध्यम से समाधान किया जाएगा, जिसके तहत निर्धारित स्थलों पर एक स्वचालित मौसम स्टेशन (Automatic Weather Station) प्रणाली स्थापित की जाएगी। स्वचालित मौसम केंद्र (Automatic Weather Station) के माध्यम से इन 2.80 लाख किसानों को अग्रिम तौर मौसम परामर्श जारी किया जाएगा। माह सितंबर 2022 के अंत तक इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी 2.70 लाख किसानों का इस कार्यक्रम के तहत चिन्हांकन किया जाकर स्वचालित मौसम केंद्र के माध्यम से मौसम परामर्श जारी किया जा रहा है। इस प्रकार लगभग 5.50 लाख किसान इस कार्यक्रम से जुड़कर लाभान्वित होंगे। स्वचालित मौसम केंद्र एक ऐसी प्रणाली है जिसके तहत उन्नत तकनीक का प्रयोग करते हुए किसानों को मौसम एवं फसल के बारे में अग्रिम रूप से जानकारी प्रसारित की जाती है।
वोडाफोन-आइडिया ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility) के तहत इस कार्य को प्रारंभ किया है। सॉलिडेरिडाड संस्था इस कार्य के लिए क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है। इसी क्रम में सॉलिडेरिडाड संस्था द्वारा 08 और 09 सितंबर 2022 को भोपाल में एक दो दिवसीय कार्यशाला भी आयोजित की गई, जहां सॉलिडेरिडाड और वोडाफोन-आइडिया के विशेषज्ञों ने नवीन चिन्हांकित राज्यों की टीम एवं अन्य प्रतिभागियों को स्वचालित मौसम स्टेशन की अवधारणा और तकनीकी पहलुओं के संबंध में जानकारी दी।
स्वचालित मौसम केंद्र और उसके महत्व – हर वर्ष मौसम में अप्राकृतिक परिवर्तन के कारण कृषि कार्य और फसल उत्पादन बहुत प्रभावित होता है। फसलों में कीट रोग, बेमौसम वर्षा, मानसून की कमी, मानसून का असमय आगमन, भूजल में कमी, फसल के महत्वपूर्ण चरण में नमी की कमी, वर्ष के लंबे अंतराल, मिट्टी के कटाव आदि का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है , जिससे कृषि उत्पादन में कमी के साथ किसानों की कृषि लागत बढ़ती जा रही है।
स्वचालित मौसम केंद्र प्रणाली सॉलिडेरिडाड और वोडाफोन-आइडिया का एक अभिनव प्रयास है। यह उपकरण लगातार मौसम की स्थिति जैसे हवा का तापमान, आर्द्रता, प्रकाश की तीव्रता, हवा की गति और दिशा, बारिश की मात्रा और वाष्प दबाव की कमी (वीपीडी) आदि को रिकॉर्ड करता है। इस उपकरण की मदद से, विभिन्न सेंसर से प्राप्त रीडिंग स्वचालित (ऑटोमैटिक) रूप से दर्ज की जाती है और तकनीकी सलाह के माध्यम से किसानों को प्रतिकूल मौसम की स्थिति बताई जाती है ताकि वह समय पर फसलों को बचाने के लिए उचित उपाये कर सकें।
स्वचालित मौसम केंद्र की स्थापना के विभिन्न चरण –
पहले चरण में, कार्यक्रम को अप्रैल 2020 में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से शुरू किया गया था, जिसमें 50,000 किसानों को सम्मिलित किया जाकर लाभ दिया गया।
दूसरे चरण में, इस कार्यक्रम का विस्तार उत्तर प्रदेश, असम, तेलंगाना और राजस्थान राज्यों में किया गया, जिसमें 2.20 लाख किसान सम्मिलित थे।
तीसरे चरण में, 04 नए राज्य तमिलनाडु, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक और 06 पूर्व में चिन्हांकित राज्यों यथा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम, तेलंगाना और राजस्थान के 2.80 किसानों को सम्मिलित किया गया है।
इस प्रकार देश के 10 राज्यों के 5.50 लाख किसान इस कार्यक्रम में सम्मिलित हैं।
दो दिवसीय कार्यशाला – सॉलिडेरिडाड संस्था द्वारा भोपाल में 08 और 09 सितंबर, 2022 को आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में वोडाफोन-आइडिया की टीम और अन्य विशेषज्ञों ने स्वचालित मौसम केंद्र के उपकरण का प्रदर्शन करते इस प्रणाली के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी।
इस कार्यशाला में तमिलनाडु, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम, तेलंगाना और राजस्थान के प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभागिता की। दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन स्वचालित मौसम केंद्र प्रणाली के उपकरण का प्रदर्शन और इसमे तीसरे चरण में जोड़ी गई नई सुविधाओं पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के तीसरे चरण के लिए उपकरण में नवीन विशेषताएं जोड़ी गई हैं, जिसमें हवा की दिशा को रिकॉर्ड करने की एक नई सुविधा सम्मिलित है। जबकि हवा का तापमान, आर्द्रता, वर्षा, पत्ती की नमी, हवा की गति, सोलर रेडीऐशन और मिट्टी की जांच से संबंधित डाटा पूर्व से ही स्वचालित मौसम केंद्र के माध्यम से दर्ज किए जा रहे हैं। कार्यशाला के दूसरे दिन फील्ड विजिट का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों द्वारा जिला भोपाल के विकासखण्ड फंदा के गांव खोकरिया के फील्ड फार्मर स्कूल का भ्रमण एवं गाँव के एक किसान के खेत में स्थापित स्वचालित मौसम स्टेशन का प्रयक्ष रूप से अवलोकन किया गया।