रायपुर22 अप्रैल 2023/ संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने माता कौशल्या महोत्सव का शुभारंभ किया I तीन दिनों तक माता कौशल्या धाम, चंदखुरी में महोत्सव चलेगा I मंचीय कार्यक्रम के दौरान मानस मंडलियों का संस्कृति मंत्री ने किया सम्मान किया
मंत्री श्री भगत ने उत्कृष्ट रामायण मानस मंडलियों को चिनहारी योजना के तहत मानस मंडलियों का सम्मान किया I
बनारस से आए रूपवाणी सांस्कृतिक संस्था के सदस्यों का संस्कृति मंत्री ने सम्मान किया I
संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत कहा कि ये बहुत ऐतिहासिक मौका है जब माता कौशल्या धाम में संस्कृति, कला, साहित्य को विकसित करने के लिए भव्य आयोजन किया जा रहा है माता कौशल्या धाम से प्रदेश को नई पहचान देश दुनिया में मिल रही है
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अक्षय तृतीया (अक्ती) के पावन अवसर पर भगवान श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में ’माता कौशल्या महोत्सव’ का शुभारंभ करेंगे। कौशल्या महोत्सव कार्यक्रम के लिए भव्य और आकर्षक मंच बनकर तैयार है। आस्था और भक्ति से ओतप्रोत इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव की गरिमा को बढ़ाने के लिए देश की मशहूर युवा क्लासिकल सिंगर मैथिली ठाकुर और देश के प्रख्यात गायक पद्म श्री कैलाश खेर भी प्रभू श्री राम के ननिहाल चंदखुरी में अपनी प्रस्तुति देंगे। क्लासिकल गानों के लिए मशहूर मैथिली ठाकुर माता कौशल्या महोत्सव के दूसरे दिन अपनी प्रस्तुति देंगी वहीं कैलाश खेर महोत्सव के आखिरी दिन 24 अप्रेल को दर्शकों के सामने अपनी प्रस्तुति देंगे। देश के इन दो सुप्रसिद्ध कलाकारों ने चंदखुरी के महत्व को देखते हुए बिना एक पल गंवाए ही यहां आने के लिए अपनी सहमति दे दी है। माता कौशल्या महोत्सव के पहले दिन मुंबई की मशहूर भजन गायक कविता पौडवाल एवं श्रीराम की शक्ति पूजा प्रस्तुत करने वाले वाराणसी के व्योमेश शुक्ला की प्रस्तुति होगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी के वैभव को विश्व पटल पर स्थापित करने प्रदेश की कला, संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण, कार्यशील कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास हेतु इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर माता कौशल्या महोत्सव मनाने की घोषणा की थी। छत्तीसगढ़ में स्थित माता कौशल्या मंदिर पूरे देश में एक मात्र प्राचीन मंदिर है।