गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री राम सुंदर दास ने कहा कि आज गौ माता की सेवा के लिए प्रदेशभर में गौठान चल रहे हैं। संस्कृति और परंपरा के संरक्षण संवर्द्धन के लिए काम हो रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस तरह का कार्यक्रम आदरणीय मुख्यमंत्री जी की पहल से हो रहा है, यह अभूतपूर्व है। मुख्यमंत्री राम वन गमन पथ का विकास कर रहे हैं, गौ माता की सेवा कर रहे हैं। पूर्व सांसद श्री नंदकुमार साय ने सुंदर संस्कृत श्लोक से शुरुआत की I
इस समय जो सरकार चल रही है। वो गरीबों के लिए कार्य कर रही है। आम जनता के लिए कार्य कर रही है।स्कूल शिक्षा मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अपने सम्बोधन की शुरुआत श्लोक “श्री गुरु चरण रोज रजः के साथ की।
असमिया रामायण: माधव कंदली असमिया रामायण के लेखक हैं, जिस तरह कृतिवास ने बंगला में अद्भुत रामायण रचा, उसी तरह असमिया रामायण भी असम में लोक परंपरा में गहराई से बसा है। 21 सदस्यीय दल असम से आया है।
रामनामी समुदाय का मुख्य मंच के सामने पारंपरिक वेशभूषा में मार्च पास्ट।
गोआ से छत्तीसगढ़ आए कलाकार दल ने भी मार्च पास्ट में लिया हिस्सा।
झारखंड से आए 25 सदस्यीय दल ने अपने पारंपरिक वाद्ययंत्र और वेशभूषा में मार्च पास्ट किया। उन्होंने विशेष तरह के मुखौटे भी पहने हैं।