• पेंड्रा और मरवाही क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, जलाशय सहित शिक्षा स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेक्टर में हुए व्यापक कार्य
  • प्रशासकीय कसावट आवागमन, सहित सभी दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री विधायक और अनेक जनप्रतिनिधियों ने गौरेला को चुना
  • पुरखों का हो रहा सपना साकार: गुरुदेव की याद में ही बन रहा गुरुकुल में कम्पोजिट बिल्डिंग

गौरेला 12 जुलाई 2023/ ( चंदन अग्रवाल) : फरवरी 2020 की वो तारिख, जिला बनने के बाद गौरेला क्षेत्र मे कम्पोजिट बिल्डिंग का निर्माण जनसुविधा की दृष्टि से सर्वथा उचित है। असंतुष्टों द्वारा कभी पेड़ कटाई को लेकर तो कभी गुरूकुल को मुद्दा को बनाकर कार्य की प्रगति में बाधा डालने का प्रयास किया जाता रहा है I जो कि सर्वथा अनुचित है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से जिलावासियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूर्ण कर जिला बनाए जाने पर अपार खुशी हुई, अब प्रशासकीय दृष्टिकोण, काम-काज के लिए कम्पोजिट बिल्डिंग का निर्माण गौरेला विकास खंड में किया जा रहा हैं जिसका भूमि चयन आवागमन, प्रशासकीय कसावट सहित सभी दृष्टिकोण से केंद्रीय बिंदु होने के कारण उपयुक्त होना है। इसे ही ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक डॉ. केके ध्रुव सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने विचार विमर्श के बाद सर्वसम्मति से गौरेला में कम्पोजिट बिल्डिंग बनाने का अंतिम निर्णय लिया था। भवन के लिए प्रशासकीय स्वीकृति, टेंडर के बाद कार्य प्रारंभ हो चुका है। कुछ सिर्फ एक ही क्षेत्र को विकास प्रमुख बनाने के निजी स्वार्थ साधने के लिए अनुचित पेड़ कटाई और गुरूकुल परिसर के अस्तित्व को मुद्दा बनाकर विकास कार्य में बाधा डालने का प्रयास कर रहे है जो कि संपूर्ण जिले के विकास के लिए सर्वथा अनुचित है I

गुरूकुल परिसर का अस्तित्व ही गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर से ही जुड़ा हुआ है। यहां पर ही प्रशासनिक भवन कम्पोजिट बिल्डिंग का निर्माण होना हमारे पुरखों के यादों के धरोहर का सम्मान करना है।

अपनी यात्रा के दौरान गुरुदेव ने इस जगह को सर्व उपयुक्त स्थान माना था। जिला अस्पताल के पास कलेक्ट्रेट होने से ही स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशासनिक कसावट आएगी I

साथ ही पेन्ड्रा रोड रेल्वे स्टेशन नजदीक होने से परिवहन सुविधा भी सभी को उपलब्ध होगी I जहां तक विकास की बात है तो जिला बनने बाद पेंड्रा और मरवाही क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, जलाशय सहित शिक्षा स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेक्टर में व्यापक कार्य हुए है।

जो प्रमुख कार्य इस तरह है :   मरवाही क्षेत्र में सड़कों, पुलों, जलाशयों का निर्माण किया गया। मरवाही से पेण्ड्रा मुख्य मार्ग 40.20 किमी का 34 करोड़ 70 लाख रूपए की लागत से डामरीकरण एवं उन्नयन कार्ये, मरवाही से सिवनी 12.20 कि.मी. सड़क का 36 करोड़ 3 लाख रूपए कर लागत से चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य, बचरवार से कोटखर्रा 6.10 कि.मी सड़क निर्माण कार्य लागत 8 करोड़ 55 लाख रूपए, सेमरदर्री-पसान मार्ग में सुखाड़ नाला पर 5 करोड़ 29 लाख रूपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल सह पहुंच मार्ग, धनपुर-पीपरडोल मार्ग में सोन नदी पर 3 करोड़ 86 लाख रुपए की लागत के उच्च स्तरीय पुल का निर्माण, परासी सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत 6 करोड़ रूपए की लागत से सोन नदी पर परासी एनीकट, राजाडडीह जलाशय 12 करोड़ रूपए की लागत से, मटियांडांड जलाशय का 22.39 लाख रूपए की लागत से जीर्णोद्धार, जिला बनने के बाद जिले में 165 करोड़ 9 लाख रूपए की लागत से कुल 57 लघु सिंचाई योजनायें शामिल की गई है।

मरवाही के 9111 हेक्ट. जबकि गौरेला में 8927 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल रही। करहनी में सोन नदी में लगभग 2.50 करोड़ रूपए की लागत से हाईड्रो पावर सिंचाई योजना का निर्माण किया गया।                 

शिक्षा क्षेत्र में मरवाही में स्वामी आत्मानंद स्कूल बनाया गया, भर्रीडांड और सिवनी में भी सेजेस स्वीकृत है। वर्ष 2020-21 में मरवाही, बंसीताल, बरौर एवं भस्कुरा में कन्या छात्रावास का निर्माण, वर्ष 2021-22 में नवीन प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास सकोला और सरकारी पारा के लिए 3 कारोड़ 6 लाख रूपए स्वीकृत, हाई स्कूल भवन भर्रीडांड में 3 नग लैब, 1 नग प्रयोगशाला कक्ष एवं मरम्मत, मेन गेट एवं गार्ड रूम का निर्माण 81 लाख 5 हजार रूपए स्वीकृत किया गया।                  

डोंगरिया और बंसीताल में महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क की स्थापना, सकोला को नया तहसील, मरवाही में 71 लाख रूपए लागत से तहसील कार्यालय भवन का निर्माण, 30.48 लाख रूपए लागत से उपकोषालय भवन का निर्माण, परासी में 65 लाख 44 हजार रूपए की लागत से तथा उसाढ़ में 49 लाख 8 हजार रूपए की लागत से शासकीय आयुर्वेद औषधालय का निर्माण में भवन निर्माण किया गया।                  

इसी तरह जिला बनने के बाद विकासखंड पेंड्रा में बसंतपुर से बस्ती बगरा, आमगांव तक मार्ग पर 41 करोड़ 16.1 लाख लागत से 27 कि.मी. सड़क का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य, बसंतपुर-अमरपुर-पेण्ड्रा मार्ग का 19 करोड़ 51 लाख की लागत से चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य, बसंतपुर-नवागांव-भाड़ी मार्ग का 11 करोड़ 36 लाख 46 हजार लागत से चौडीकरण एवं मजबूतीकरण, पेण्ड्रा-चिरमिरी मार्ग पर 12.60 किमी का उन्नयन एवं नवीनीकरण लागत 9 करोड़ 67 लाख 83 हजार, अमरपुर मुख्य मार्ग से पेण्ड्रा जनपद पंचायत कार्यालय पहुंच मार्ग 3 करोड़ 55 लाख 45 हजार की लागत से निर्माण, बसंतपुर से भाड़ी 5 कि.मी. सड़क का उन्नयन एवं चौडीकरण कार्य, लागत 11 करोड़ 55 लाख 56 हजार,  कंचनडीह-बारीउमराव मार्ग पर सोन नदी पर 2 करोड़ 12 लाख रूपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल सह पहुंच मार्ग का निर्माण, अरपा खुज्जी जलारूशय के बांध एवं नहर मरम्मत कार्य लागत 4 करोड़ 62 लाख रूपए, चौरसिया जलाशय 1 करोड़ 22 लाख 40 हजार रूपए की लागत से बांध एवं नहर मरम्मत कार्य किया गया I 2 करोड़ 21.77 लाख लागत से विद्युत उपकेंद्र आमाडांड, 1 करोड़ 60 लाख की लागत से विद्युत उपकेंद्र दुबटिया बनाया गया है।

स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मिडियम स्कूल पेण्ड्रा हेतु 1 करोड 97.33 लाख रूपए स्वीकृत, सेजेस कोटमीकला, हिन्दी माध्यम सेजेस मल्टीपर्पस पेंड्रा में, कन्या शाला पेंड्रा को उन्नयन कर सेजेस बनाया गया। इसके आलावा जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) मद से वर्ष 2021 में 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार रूपए की लागत के 42 अधोसंरचना कार्य, वर्ष 2021-22 में 85 कार्यो के लिए 2 करोड़ 33 लाख 26 हजार रूपए स्वीकृत, वर्ष 2022-23 में अधोसंरचना, शिक्षा, सतत आजीविका आदि 26 कार्यो के लिए 1 करोड़ 81 लाख 50 हजार रूपए स्वीकृत, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के तहत वर्ष 2020-21 में सकोला और कुदरी में भौतिक अधोसंरचना के लिए 30 लाख रूपए।

जिला बनने के बाद से मरवाही, पेंड्रा विकास से अछूते नहीं रहें है। जिले के तीनों विकासखंडों में विकास कार्य किया गया है।गौरेला पेंड्रा मरवाही तीनों को मिलाकर एक जिला बना है और किसी भी क्षेत्र मे विकास होना पूरे जिले के लिए सम्मान की बात होना चाहिए I किसी एक क्षेत्र विशेष को देखकर विकास से जोड़ना और कार्य बाधित करना जिले के संपूर्ण क्षेत्र के विकास को अवरुद्ध करने के समान है I