• क्युलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया (हाथीपांव) रोग
  • दवा सेवन कर फाइलेरिया से बचा जा सकता है – कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना
  • सक्ती जिले में फाइलेरिया मुक्ति अभियान 10 अगस्त से

सक्ती 8 अगस्त 2023/ कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना द्वारा जिले में स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय कार्यक्रमों का लगातार समीक्षा किया जा रहा है। इसी तारतम्य में कलेक्टर के निर्देशन में जिले में अगस्त माह में स्वास्थ्य विभाग के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किया जाना है। जिसमे पहला है फाइलेरिया मुक्ति अभियान और दूसरा मिशन इंद्र धनुष टीकाकरण अभियान। कलेक्टर ने मच्छर के काटने से होने वाले फाइलेरिया बीमारी के रोकथाम के लिए जिले में 10 अगस्त से अभियान चलाकर सभी पात्र लोगो को दवा खिलाए जाने के निर्देश दिए हैं। इस बीमारी के रोकथाम के लिए 2 वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं गर्भवती माता को छोड़कर सभी को डाईइथाइल कार्बमाजिन की गोली का खुराक लेना अतिआवश्यक है। कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने फाइलेरिया के सक्ती जिले में मिले मरीजों की संख्या को देखते हुए इस बीमारी के रोकथाम हेतु सभी को दवा की खुराक लेने की अपील की है।

स्वास्थ्य विभाग सक्ती के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सूरज सिंह राठौर ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी हाइड्रोसिल और हांथी पांव का जनक है इस बीमारी से हांथी पांव होता है। जिससे मरीज जीवन भर दिव्यंगता का शिकार हो जाता है साथ ही हाइड्रोसिल होने के दशा में इसकी आपरेशन की जरूरत पड़ जाती है । उन्होंने बताया कि फाइलेरिया बीमारी व्यूचरिया ब्रोकान्फिकटी नामक परजीवी से होता है जो मादा क्युलेक्स के काटने से मानव शरीर में फैलता है। मादा क्युलेक्स के काटने से व्यूचरिया ब्रोकान्फिकटी का माइक्रो फाइलेरिया लारवा मानव शरीर में प्रवेश करता है और लसिका वाहिका में प्रवाहित होते हुए लसिका वाहिका को अवरूद्ध कर देता है जिस कारण हांथी पांव और हाईडोसिल जैसे डिफोमिटी मानव शरीर में हो जाते है।

सक्ती जिले में फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित 220 हाईडोसिल और 602 हांथी पांव के मरीज है यह संख्या काफी ज्यादा है। जिस कारण कलेक्टर ने इस बीमारी के रोकथाम के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार कलेक्टर ने मिशन इंद्रधनुष अभियान में शून्य से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों का नियमित टीकाकरण किए जाने के लिए सभी आवश्यक तैयारीया सुनिश्चित करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं।

गंदे पानी में पनपते है क्युलेक्स मच्छर

क्युलेक्स मच्छर गन्दे पानी में पैदा होते है और पनपते हैं। अतः इस बीमारी की रोकथाम के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है, कि गंदे पानी को जमा न होने दिया जाये और जहां-जहां इन मच्छरों के लार्वा पनप रहे हों वहां लार्वा नाशक दवा डालकर उनको नष्ट कर दिया जाये। यदि हाथीपांव के मच्छारों को पनपने नही दिया जायेगा तो यह बीमारी अन्य स्वस्थ व्यक्तियों को नही होगी।*किसी को भी हो सकती है हाथीपांव की बीमारी*हाथीपांव (फाइलेरिया) रोग क्युलेक्स मच्छरों के काटने से होता है।

जब ये मच्छर हाथीपांव के रोगी को काटते है तो इस बीमारी के रोगाणु मच्छर के पेट में जाकर पनपते है। यही मच्छर जब कुछ दिनों के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटते हैं तो ये रोगाणु स्वस्थ व्यक्ति के लसिका ग्रंथि में पहुंच जाते है। और इस प्रकार हाथीपांव की बीमारी हो सकती है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, इसके लक्षण मच्छर के काटने के कई महीने के बाद सामने आते है, इसमें ज्वर आता है तथा पांव या अंडकोष में सूजन आ जाती है क्योंकि इस बीमारी से काफी तकलीफ होती है, इसलिये इस बीमारी की रोकथाम हेतु दवा ली जानी आवश्यक है।