भोपाल: शिक्षा और चिकित्सा जब सेवा की जगह व्यापार बन जाए तो तुलसीदास की चौपाई याद आती है I जिसमें कहा गया है- सचिव, वैद्य, गुरु, तीनि जो बोलही भय आस , राज, धर्म, तन तीनि कर होई नाश I
प्रदेश में भी इसी तरह का कुछ हाल है जहां शिक्षा- चिकित्सा के क्षेत्र मे अन्धाधुन्ध कमाई के चक्कर मे हॉस्पिटल- मेडिकल कॉलेज नियमों को ताक पर रखकर खोले जा रहे है I
जिसमें वरिष्ठ चिकित्सकों को उच्चतम वेतनमान पर रखकर प्रलोभन देखकर मेडिकल कॉलेज की अनुमति प्राप्त करने मेडिकल यूनिवर्सिटी में आवेदन देकर मंजूरी ली जा रही है I
ऐसा ही एक वाक्या राजधानी भोपाल में शिक्षा के क्षेत्र मे यूनिवर्सिटी खोलकर अब मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी एक ग्रुप कर रहा है I
जिसने चिकित्सा शिक्षा विभाग में नए मेडिकल कॉलेज को खोलने के लिए आवेदन दिया ताकि उपयुक्तता प्रमाणपत्र प्राप्त हो सकें जिसे प्राप्त होने के बाद ही राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान से चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की अनुमति औचक निरीक्षण के बाद मिल सकती है I
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोलार स्थित मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी अब स्कूल, प्रबंधन कॉलेज और डेंटल कॉलेज के बाद अब मेडिकल कॉलेज की नीव रख चुका है I
मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी एक निजी विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 2018 में श्री साईं ग्रामोत्थान समिति, भोपाल द्वारा की गई थी। वर्ष 1999 से भोपाल, मध्य प्रदेश में साईं ग्रामोत्थान समिति द्वारा स्थापित विभिन्न संस्थान खोले गए जिसमें प्रमुख मानसरोवर डेंटल कॉलेज, अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, मानसरोवर नर्सिंग कॉलेज, मानसरोवर कॉलेज (शिक्षक शिक्षा के लिए), मानसरोवर पब्लिक स्कूल (सीबीएसई), श्री साईं इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च एंड मेडिसिन, श्री साईं कॉलेज ऑफ एजुकेशन और
मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी (एमजीयू) भी शामिल है I
मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी , भोपाल में प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार 4000 से अधिक छात्र छात्राएं अध्यनरत है और करीब 600 से अधिक स्टाफ़ यहां कार्यरत है I
बहुत ही कम समय मे इस यूनिवर्सिटी ने मुकाम शिक्षा के क्षेत्र मे हासिल करते हुए अब मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्तता प्रमाणपत्र प्राप्त करने और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अनुसार मापदण्ड को सही तरीके से तालमेल बिठाने के चक्कर मे कई कमियों के साथ मेडिकल कॉलेज खोलने की जल्दबाजी में राजधानी के वरिष्ठ चिकित्सकों को प्रलोभन देकर अपनी यूनिवर्सिटी में नौकरियों दे रहे है I
डर है कहीं मेडिकल दाखिले अनियमितता की कोई दूसरी सीरीज फिर से प्रदेश को बदनाम ना कर दे I