बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के कानन पेंडारी चिड़िया घर में हिप्पोपोटेमस (दरियाई घोड़ा) की तबियत खराब है। इसका नाम गजनी है, और लगातार सेहर में गिरावट ने चिड़िया घर प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है। बीते 86 दिन में यहां 9 वन्य जीवों की मौत हो चुकी है। पिछले दो दिनों से गजनी भर पेट खाना नहीं खा रहा है। कानन की डॉक्टर स्मिता साहू इलाज कर रही हैं लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हो रहा है, इसलिए डीईओ सत्यदेव शर्मा ने कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की मदद के लिए चिट्ठी लिखी है। डीएफओ ने बताया कि चिट्ठी हमने मेल द्वारा भेज दी है। दो दिन के भीतर अंजोरा के डॉक्टर कानन आएंगे और गजनी का उच्च स्तरीय इलाज करेंगे ताकि वह जल्द स्वस्थ हो। फिल्हाल गजनी की देखरेख के लिए चिड़ियाघर की डॉक्टर के साथ अन्य कर्मचारियों को भी लगा रखा है। 2010 में दिल्ली से गजनी को लाया गया था। चिड़ियाघर में तीन दरियाई घोड़े थे। 16 जून 2019 को सजनी हिप्पो की मौत हो चुकी है। गजनी और उसका बेटा छोटू अकेला बचा है। अब छोटू के पिता गजनी की भी तबीयत खराब हो गई है। गजनी की उम्र 12 साल है। डॉक्टरों के अनुसार दरियाई घोड़ा की उम्र 30 से 35 साल रहती है। कानन अधीक्षक विवेक चौरसिया ने बताया कि बहुत पहले गजनी के लीवर में दिक्कत हुई थी। मौजूदा डॉक्टर से पहले के चिकित्सक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गजनी का लीवर कमजोर है। इस तकलीफ के कारण उसकी तबीयत पर असर पड़ रहा है। जल्द ही उसकी तबीयत में सुधार होगा, ऐसा हमारा प्रयास है।