नई दिल्ली– भारत पर्व के आयोजन के दौरान लाल किले के प्रांगण में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने प्रदेश की सांस्कृतिक छटा बिखेरी। वहीं, छत्तीसगढ़ की झांकी को लेकर लोगों में खासा आकर्षण रहा। इस दौरान आगंतुकों ने छत्तीसगढ़ की झांकी को करीब से निहारा और इसकी सराहना की। साथ ही कलाकारों ने अपनी आकर्षक प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया।
वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन कलाकारों ने छत्तीसगढ़ में प्रचलित पारंपरिक लोकगीत, नृत्य कर्मा, ददरिया के साथ-साथ देशभक्ति से संबन्धित गीत और नृत्य की प्रस्तुति दी।
छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम गणेश वंदना पश्चात भारत माता की वंदना के साथ-साथ कर्मा, ददरिया एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित गीत प्रस्तुत किए गए, जिसे उपस्थित जन समुदाय द्वारा सराहा गया। कार्यक्रम में लोक कलाकार रोहित कुमार साहू द्वारा लोक नृत्यों का संयोजन किया गया। वहीं, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ कलाकार राकेश तिवारी एवं लोक गायक दीनदयाल रंगारी लोक गायिका असवंतीन द्वारा गायन प्रस्तुत किया गया। छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों से आए लोक कलाकारों ने कदम से कदम मिलाकर और मांदर पर थाप देकर लयबद्ध नृत्य किया और उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के 16 कलाकारों ने हिस्सेदारी निभाई। बता दें, भारत पर्व का आयोजन गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान किया जाता है । इसका उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना तथा देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना है। भारत पर्व “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को प्रदर्शित करता है। भारत पर्व का आयोजन केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय तथा अन्य केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकारों के सहयोग से किया जा रहा है।