छत्तीसगढ़ में अनियमित वित्तीय कंपनियों (चिटफण्ड कंपनियों) द्वारा निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले को राज्य सरकार ने बड़ी गंभीरता से लिया है मुख्यमत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर निवेशकों की धन वापसी की कार्रवाई पुलिस प्रशासन द्वारा प्राथमिकता से की जा रही है।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2012 से अक्टूबर 2019 तक 484 अनियमित वित्तीय कंपनियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। इनमें से 307 प्रकरणों में 468 संचालकों, 185 पदाधिकारियों और 279 अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। 154 प्रकरणों में अनियमित वित्तीय कंपनियों और उनके संचालकों के संपत्ति चिन्हित की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि निक्षेपों के हितों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के तहत राजनांदगांव जिले में कुर्क की गई भूमि की नीलामी राशि 7 करोड़ 92 लाख 21 हजार रूपये शासकीय कोष में जमा किया गया है तथा निवेशकों की राशि लौटाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। बिलासपुर सिविल लाईन थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 780/15 के तहत मकान की नीलामी कर आवेदिका को 2 लाख 80 हजार रूपये दिलाया गया। न्यायालय द्वारा अनियमित वित्तीय कंपनियों के 6 प्रकरणों में कुर्की का अंतिम आदेश पारित किया जा चुका है, जबकि 42 प्रकरणों में कुर्की का अंतिम आदेश हेतु विचाराधीन है।
MP में रडार पर 27 से ज्यादा कंपनियां
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि कई कंपनियों के खिलाफ शिकायतें भी मिली हैं, उन शिकायतों की जांच के साथ-साथ ईओडब्ल्यू की टीम प्रदेश में सक्रिय चिटफंड कंपनियों की जानकारियां जुटा रही हैं. सागर में दर्ज एफआईआर की जांच चल रही है और दूसरी चिटफंड कंपनियों को रडार पर लिया जा रहा है. अभी तक की जांच में ईओडब्ल्यू ने प्रदेश में सक्रिय 27 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों को चिन्हित किया है. इन सभी कंपनियों के कामों पर नजर रखी जा रही है. उनसे जुड़े दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने यह भी बताया कि जब इन कंपनियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल जाएंगे, तभी इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. अभी इन सभी चिटफंड कंपनियों पर ईओडब्ल्यू की इंटेलिजेंस विंग की नजर है.