रायपुर: मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में रोटी, कपड़ा और मकान को गिना जाता है। हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका स्वयं का एक सर्व सुविधा युक्त मकान हो, लेकिन विभिन्न परिस्थितियों के कारण बहुत से लोग स्वयं का मकान नहीं बना पाते हैं या उन्हें बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। आज के समय में गरीब आदमी मेहनत मशक्कत के साथ रोटी और कपड़े की व्यवस्था तो कर लेता है पर मकान की व्यवस्था कर पाना कठिन होता है। ऐसे लोगों को शासन-प्रशासन से सहयोग की उम्मीद होती है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन लोगों की इन उम्मीदों को पूरा करने के लिये समर्पित होकर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा है कि प्रदेश का हर व्यक्ति सुखी हो, संपन्न हो, उसे किसी प्रकार की परेशानी न हो। लोगों के आवास की समस्या को लेकर वे संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहे हैं। नारायणपुर जिले में नगर पालिका क्षेत्र नारायणपुर के अंतर्गत 281 हितग्राहियों को पक्का मकान उपलब्ध करवाया गया है। सरकार ने गरीबों की इस समस्या को अच्छी तरह समझा है और लोगों को पक्के मकान की व्यवस्था करने का कार्य कर रही है। मोर जमीन मोर मकान योजनांतर्गत जिनके पास पक्का मकान नहीं उन्हें पक्का मकान उपलब्ध करा रही है।
नारायणपुर नगर पालिका क्षेत्र के डी एन के वार्ड में रहने वाली श्रीमती पारुल मंडल का सपना था कि उनका पक्का मकान हो। मोर जमीन मोर मकान अंतर्गत श्रीमती पारुल मंडल का पक्के मकान का सपना पूरा हो गया है। श्रीमती मंडल से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि आवास पाकर वह प्रसन्न है और मोर जमीन मोर मकान योजना मेरे और मेरे परिवार के सपने को पूरा करने में कारगर सिद्ध हुई है। मेरे परिवार के अन्य सदस्य अब एक छत के नीचे आराम से रह सकते हैं। अब उन्हें बारिश के मौसम में छत के उड़ने ओर पानी के टपकने का डर नहीं है। आवास पाकर अन्य लाभान्वित हितग्राहियों के मन प्रफुल्लित हैं। साथ ही जिन हितग्राहियों के पक्के मकान निर्माणाधीन हैं उनके मन में भी उत्साह का वातावरण ह,ै क्योंकि उनका पक्के आवास का सपना भी शीघ्र पूरा होगा। शासन की मंशा के अनुरूप निर्माणाधीन आवासों का निर्माण यथाशीघ्र पूर्ण कर शेष कच्चे मकान में रह रहे हितग्राहियों को भी पक्का मकान उपलब्ध कराया जाएगा।
शहर क्षेत्रों के परिवार को पक्के आवाास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मोर जमीन-मोर मकान योजना लागू की गयी है। इस योजना का लक्ष्य शहरी क्षेत्र में रहने वाले कमजोर आय वर्ग एवं आवासहीन परिवार को मूलभूत सुविधाओं सहित पक्का आवास उपलब्ध कराना है। प्रदेश में यह योजना सभी नगरीय निकायों में क्रियान्वित है।
रायपुर- राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में विभिन्न विभागों को प्रावधानिक राशि से 28 फरवरी 2020 के बाद क्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वित्त विभाग द्वारा इस आशय के निर्देश राज्य शासन के समस्त विभागों, अध्यक्ष राजस्व मण्डल बिलासपुर, सभी संभागीय आयुक्त, सभी विभागाध्यक्ष और सभी जिलाध्यक्षों को जारी किए गए हैं। निर्माण विभागों की चालू परियोजनाओं, छात्रावास-आश्रम, आंगनबाड़ी, जेलों, अस्पतालों में प्रासंगिक व्यय पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा। क्रय पर प्रतिबंध के इन निर्देशों में किसी प्रकार का शिथिलीकरण केवल वित्त विभाग की अनुमति से किया जा सकेगा।
राज्य शासन के वित्त विभाग द्वारा सभी विभागों को इस संबंध में भेजे गए परिपत्र में यह कहा गया है कि वर्ष 2019-20 के बजट में प्रावधानिक राशि से 28 फरवरी 2020 के पश्चात क्रय पर पूर्णतः प्रतिबंध होगा। लेकिन यह प्रतिबंध केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना, केन्द्र प्रवर्तित योजना (केन्द्रांश प्राप्त होने पर आनुपातिक राज्यांश सहित कुल राशि में से), विदेश सहायता प्राप्त परियोजना केन्द्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्राप्त अनुदान, नाबार्ड पोषित योजना एवं अतिरिक्त तथा विशेष केन्द्रीय सहायता पोषित परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु क्रय की जाने वाली सामग्री पर लागू नहीं होगा। इसी प्रकार निर्माण विभागों लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं वन विभाग से संबंधित चालु परियोजनाओं में भंडार की स्थिति का आंकलन करने के उपरांत आगामी एक माह में उपयोग की जाने वाली सामग्री के क्रय पर भी यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। जेलों, शासकीय एवं राज्य कर्मचारी बीमा योजना अंतर्गत चल रहे अस्पतालों तथा विभिन्न विभागों द्वारा संचालित छात्रावासों-आश्रमों में भोजन, कपड़ा, दवाई का क्रय तथा अन्य प्रासंगिक व्यय पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
इसी प्रकार पोषण आहार हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किए जा रहे खाद्यान्न का क्रय तथा परिवहन, आसवनियों से खरीदी गई देशी मदिरा के क्रय, पेट्रोल, डीजल एवं वाहन मरम्मत से संबंधित क्रय, लेखन सामग्री से संबंधित 5000 रूपए तक की खरीदी, 5000 रूपए तक अन्य आकस्मिक क्रय के देयक पर भी प्रतिबंध नहीं होगा, 28 फरवरी 2020 या इसके पश्चात वित्त विभाग द्वारा दी गई स्वीकृति से किए गए क्रय पर भी यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इस आदेश के फलस्वरूप 28 फरवरी 2020 से चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक विभिन्न स्तरों पर छत्तीसगढ़ वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन भाग-1 एवं 2 प्रदत्त शक्तियां अधिक्रमित रहेंगी। इन निर्देशों में किसी प्रकार का शिथिलीकरण केवल वित्त विभाग की अनुमति से किया जा सकेगा। यह प्रतिबंध राजभवन सचिवालय, छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय, मुख्यमंत्री निवास तथा मुख्यमंत्री सचिवालय (पेंट्री) तथा उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों पर लागू नहीं होगा।