भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार उन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी में है जो बॉन्ड की शर्तें पूरी किए बिना ही चले गए. सरकार ने ऐसे साढ़े चार हज़ार से ज़्यादा डॉक्टर्स को नोटिस भेजा था. कुछ ने जवाब भेज दिया और कुछ ने बॉन्ड का पैसा जमा कर दिया. जिनका कोई जवाब नहीं आया ऐसे 406 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन (Registration) रद्द (canceled) करने की तैयारी है. ये वो डॉक्टर हैं जिन्होंने यहां के मेडिकल कॉलेजों से MBBS की डिग्री ली लेकिन पढ़ाई के बाद न तो ग्रामीण इलाकों में सेवाएं दीं और न ही बॉन्ड (bond) की राशि जमा की.

चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक में ऐसे 406 डॉक्टरों का पता चला है.विभाग अब इन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी कर रहा है. दरअसल चिकित्सा शिक्षा विभाग में इस तरह की जानकारी सामने आई थी कि 2002 के बाद प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई पूरी करने के बाद साढ़े चार हज़ार से ज्यादा डॉक्टर बॉन्ड के नियमों का पालन किए बिना ही गायब हो गए. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जब इन डॉक्टरों को नोटिस भेजने शुरू किए तो 406 ऐसे डॉक्टर निकले जो रिकॉर्ड में दर्ज पते पर नहीं मिले रहे हैं. लिहाजा विभाग अब ऐसे डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी कर रहा है.

कब क्या हुआ ?

चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से 4589 डॉक्टर्स को नोटिस जारी किए गए थे. इनमें से 1848 डॉक्टर्स ने नोटिस के जवाब दिए जबकि 406 नोटिस वापस आ गए. नोटिस के बाद 651 डॉक्टर्स ने एनओसी जमा की जबकि 485 ने बॉन्ड की राशि जमा करवा दी. साढ़े चार हजरा में से सिर्फ 233 डॉक्टर्स ऐसे निकले जिन्होंने बॉन्ड की शर्तों को पूरा कर दिया.
निलंबित डॉक्टरों की बहाली की तैयारी

एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है जिन्होंने बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन किया है तो वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए निलंबित डॉक्टरों की फिर तैनाती की तैयारी की जा रही है. दो दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए फैसला किया है कि पिछले 6 महीनों में जितने भी डॉक्टर्स सस्पेंड किए गए हैं उन्हें बहाल किया जाए. साथ ही नये डॉक्टर्स की तेज़ी से भर्ती की जाए ताकि प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार हर स्तर पर मिल सके.