रायपुर– मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में प्रदेश के मैदानी और दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ करने निरंतर प्रयास किया जा रहा है। अस्पतालों में जरूरी दवाई, उपकरण के साथ-साथ साफ-सफाई से लेकर मानव संसाधन की प्रर्याप्त संख्या में व्यवस्था की जा रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री हॉट बाजार क्लिनिक के माध्यम से वनांचल क्षेत्रों के हॉट बाजारों में आने वाले लोगों का चिकित्सा जांच के साथ-साथ उन्हें दवाई भी दी जा रही है तथा गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति कों उच्च चिकित्सा सुविधा वाले अस्पतालों में रेफर कर ईलाज किए जा रहे है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के गरीब परिवारों के स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना शुरू की गई है। योजना के तहत राशन कार्ड को भी मान्य किया है। अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारी कोई भी व्यक्ति अब पांच लाख रूपए तक का निःशुल्क ईलाज करा सकता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग के विशेष दल द्वारा जिला अस्पताल बलौदाबाजार का निरीक्षण कर मूल्यांकन किया गया। इस विशेष दल द्वारा सर्वोच्च चिकित्सीय कार्यों के लिए क्वालिटी सर्टिफिकेट जारी करने हेतु टीम ने तीन दिनों तक जिला अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं और मरीजों को दी जा रही सेवाओं का बारीकी से आंकलन किया। केन्द्र सरकार के इस नेशनल क्वालिटी एश्योरेन्स सर्टिफिकेट टीम में डॉ. ज्योटीमोन लँगवे शिलांग और श्रीमती जीना प्रदीप नई दिल्ली शामिल थीं। राज्य सलाहकार क्वालिटी एश्योरेन्स टीम के डॉ रामकृष्ण पाण्डे और डॉ राजेश कुरील सहित सिविल सर्जन डॉ. अभय सिंह परिहार के सहयोग एवं मार्गदर्शन में मूल्यांकन कार्य सम्पन्न हुआ। सिविल सर्जन डॉ. अभय सिंह परिहार ने बताया कि राज्य स्तर की मूल्यांकन टीम द्वारा पास घोषित करने के बाद केंद्रीय टीम ने भी जिला अस्पताल का मूल्यांकन किया है। उन्होंने बताया कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेन्स सर्टिफिकेट (एन.क्यू.ए.एस.) उत्कृष्ट चिकित्सीय सेवाओं के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च प्रमाण पत्र एवं सम्मान है। यह आईएसओ के समतुल्य प्रमाण पत्र है। इसके मिलने का तात्पर्य यह है कि इस अस्पताल की सेवायें भारत सरकार की श्रेष्ठ स्वास्थ्य संस्थान जैसे एम्स की सुविधाओं के समान हैं। भारत सरकार की बाह्य मूल्यांकन टीम ने चेकलिस्ट के अनुरूप 13 विभागों की गुणवत्ता मापदण्डों का मौके पर परीक्षण किया। अस्पताल के सभी विभागों में उपलब्ध सेवायें और सुविधाओं का जायजा लिया गया। मरीजों से भी बातचीत की। इसमें प्रमुख रूप से ओपीडी, आईपीडी, प्रसूति कक्ष, प्रसूति वार्ड, पीपी यूनिट, लेबर कक्ष, सर्जरी कक्ष, पैथोलॉजी, रेडियोलोजी, ब्लड बैंक एवं प्रशासनिक विभाग शामिल हैं। उन्होंने विशेषकर सर्जरी, ब्लड बैंक, रेडियोलोजी एवं प्रसूति विभाग के सेवाओं की काफी सराहना की। जिला अस्पताल की सलाहकार डॉ. स्वाति यदु ने बताया कि टीम के मूल्यांकन का परिणाम लगभग एक महीने में आने की उम्मीद है। उनके द्वारा जारी प्रमाण पत्र तीन साल तक के लिए वैध रहता है। अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने का यह प्रमुख आधार होता है। तीन सालों तक प्रति बेड 10 हजार रुपए अस्पताल के क्वालिटी उन्नयन के लिए दिया जाएगा। जिला अस्पताल के सभी वरिष्ठ चिकित्सकों, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के सहयोग से मूल्यांकन किया गया।