राज्य सरकार द्वारा कोरबा जिले के हसदेव बांगो जलाशय में जल पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए सतरेंगा, बुका और गोल्डन आईलैण्ड को अत्याधुनिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पर्यटकों के लिए फूड जोन, आवागमन के लिए अच्छी सड़कें, हेलीपेड का निर्माण, रूकने के रिसॉर्ट, रिसॉर्ट गार्डन, पानी पर तैरता हुआ सड़क, सेल्फी प्वाइंट और मनोरंजन के लिए ओपन थिएटर बनाया जा रहा है।
सतरेगा में पर्यटक अद्भुत जल सौंदर्य के बीच लजीज व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। सतरेंगा में सुसज्जित फूड जोन शुरू हो चुका है। फूड जोन में चाईनिज, छत्तीसगढ़ी और साउथ इंडियन व्यंजनों की दुकानें लग चुके हैं। फूड जोन में सतरेंगा के पांच स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों की 50 महिलाओं को चाईनिज, छत्तीसगढ़ी और दक्षिण भारतीय व्यंजनों को बनाने और उन्हें आकर्षक तरीके से परोसने का विशेष प्रशिक्षण जिला कोरबा प्रशासन द्वारा दिलाया गया है। इन स्थानीय महिला स्व सहायता समूहांे के सदस्यों द्वारा स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा रहे हैं। प्रशिक्षित महिलाएं आने वाले दिनों में फूड जोन में भोजन की भी व्यवस्था करने की तैयारी कर रहीं है। फूड जोन में एक दुकान ऑल इन वन की है, जहां चिप्स, कुरकुरे, नमकीन, चॉकलेट, बिस्कुट, बोतल बंद पानी से लेकर ठण्डा पेय पदार्थ भी उपलब्ध रहेगा।
        सतरेंगा के फूड जोन में दुकानों को इस प्रकार सजाया गया है कि सामने की तरफ रंग-बिरंगी छतरी लगे छोटे स्टॉलों में लोग आराम से बैठकर सतरेंगा की प्राकृतिक छटा के बीच खाने-पीने का लुफ्त उठा सकते हैं। स्थानीय युवाओं को टूरिज्म के माध्यम से रोजगार से जोड़ने के लिये फूड प्लाजा के साथ-साथ स्थानीय कलाकृतियों की बिक्री के लिये सतरेंगा चिन्हारी नाम से अलग स्टॉल भी शुरू किया गया है। स्थानीय निवासियों द्वारा बनायी गई कलाकृतियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों के हस्तशिल्प की भी उपलब्धता इस दुकान के माध्यम से पर्यटकों को हो सकेगी और वे सतरेंगी की अपनी यात्रा की स्मृतियों के रूप में इन्हें खरीदकर अपने घरों में सहेज सकेंगे।
सतरेंगा में हेलीपेड का निर्माण किया जा रहा है। निर्माणाधीन हेलीपेड के लिये चयनित की गई जगह से सतरेंगा के अद्भुत जल सौंदर्य का नजारा दिखता है। आने वाले पर्यटकों को रूकने एवं खाने पीने के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में पैदल घूमकर प्राकृतिक नजारों का लुफ्त उठाने के लिये सतरेंगा में वर्तमान में स्थित संरचनाओं की मरम्मत के साथ-साथ परिसर में रास्ते आदि का काम तेजी से जारी है। सतरेंगा मोड़ से टिकिट घर,रिसॉर्ट और हेलीपेड तक पक्का सड़क बनाया जा रहा है।
सतरेंगा के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस से नए रिसॉर्ट तक पहुॅंचने के लिये पानी पर जेटी लगाकर तैरती हुई सड़क बन रही है। प्लास्टिक के बड़े-बड़े रंग-बिरंगे चौकोर डिब्बों से बनी इस फ्लोटिंग जेटी की सड़क के दोनों ओर दो स्थानों पर सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त विस्तार दिया गया है। इसके साथ ही इसके दोनों ओर मछली पालन के लिये केज भी बनायी जा रही है। रेस्ट हाउस को रिसॉर्ट के गार्डन से जोड़ने वाली इस जेटी वाले रास्ते पर ही पानी में वाटर स्पोर्ट्स की सुविधायें विकसित करने की योजना प्रशासन द्वारा बनायी गई है।
       सतरेंगा को माडर्न टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिये रिसॉर्ट गार्डन में ऑडिटोरियम तक आकर्षक पार्क भी बनाया जा रहा है। लॉन ग्रास के साथ रंग-बिरंगे फूलों के पौधों का रोपण किया गया है। लगभग दस हजार पौधे इस गार्डन में लगाये जा रहे हैं। पॉंच प्रकार के पॉम बॉटल पॉम, फॉक्स टेल पॉम, पोनिकस पॉम, पेन्सिल पाईन, एरिका पॉम के साथ बारह से भी अधिक प्रकार के गुलाब इस गार्डन में रोपे जा चुके हैं। लाल, हरी और पीली हेंच से गॉर्डन की किनारियॉं सुशोभित होंगी। सतरेंगा डुबान क्षेत्र का पूरा नक्शा भी इस गार्डन में जमीन पर उकेरा जा रहा है, जहॉं पर्यटकों को जलराशि के बीच के द्वीपों सहित बांगों बांध और बुका जलविहार की भी जानकारी मिल सकेगी।
सतरेंगा पर्यटन स्थल में प्रवेश के लिये पार्किंग स्थल के पास बांसों से आकर्षक प्रवेश द्वार तेजी से आकार ले रहा है। इस प्रवेश द्वार पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति और हस्तषिल्प की छाप अभी से ही लोगों को आकर्षित करने लगी है। परिसर के आसपास के बड़े पेड़ों के नीचे की जगहें पर्यटकों के बैठने और अलग-अलग जगहों से सतरेंगा का प्राकृतिक सौन्दर्य निहारने के लिये विकसित की जा रही है। कुछ पेड़ों के आसपास चबुतरे बन चुके हैं, कुछ के आसपास चबूतरे बनाये जा रहे हैं। सतरेंगा में जलराशि के आसपास पेड़ो पर उनके स्थानीय तथा वानस्पतिक नाम भी लिखे जायेंगे। पेड़ों के विभिन्न भागों के अलग-अलग उपयोग और छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं सामाजिक ताने-बाने में उनकी उपयोगिता को भी अंकित किया जायेगा। जिससे आने वाले पर्यटकों को पेड़-पौधों के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगीे।
 सतरेंगा के परिसर में विशाल जलराशि के किनारे आकर्षक ओपन-थियेटर भी सज-संवर रहा है। ओपन थियेटर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये खुला मंच बनाया गया है जिस पर टाईल्स एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। दर्शकों के लिये सामने की तरफ सीढ़ीनुमा बैठक व्यवस्था की जा रही है। इस ओपन-थियेटर पर सतरेंगा आने वाले पर्यटकों को छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। पर्यटक हर शाम यहॉं कैम्प-फायर के दौरान छत्तीसगढ़ी लोकनृत्यों, लोकगीतों का आनंद उठा सकेंगे। सतरेंगा के विशाल जलराशि पर वाटर-स्पोर्ट्स की सुविधा भी विकसित करने का काम तेजी से जारी है। पर्यटन मण्डल द्वारा इसके लिये जरूरी सामान और आवश्यक स्पीड बोट, जेटबोट आदि की व्यवस्था की जा रही है।
सतरेंगा में अथाह जल के बीच स्थित द्वीपों के मनोहारी दृष्य को ध्यान मंे रखते हुए पर्यटकों के लिये सुसज्जित सेल्फी प्वाइंट विकसित करने का काम तेजी से जारी है। इस सेल्फी प्वाइंट पर खड़े होकर पर्यटक सतरेंगा के प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ अपनी फोटो ले सकेंगे और सतरेंगा के अपने प्रवास की मीठी यादें अपने कैमरे में कैद कर सकेंगे। रात में सतरेंगा के प्राकृतिक सौन्दर्य को पर्यटकों के लिये आकर्षक और देखने योग्य बनाने के लिये तीन स्थानों पर हाई-मास्क लाईट लगाया जा रहा है।