रायपुर : आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के संचालक मंडल की बैठक आयोजित की गई। डॉ. टेकाम ने निगम द्वारा संचालित सभी योजनाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सफाई कामगार वर्गों के अधिक से अधिक लोगों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने निगम द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी रोजगार मूलक योजनाओं की प्रगति और उपलब्धि की समीक्षा की। उन्होंने अंकेक्षण के लिए चार्टर्ड अकाउंटेन्ट, सहकारिता विभाग और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सॉफ्टवेयर निर्माण, योजनाओं के क्रियान्वयन में हितग्राही चयन में पारदर्शिता के लिए सिबिल (सीआईबीआईएल) क्रेडिट रेटिंग कंपनी, निगम द्वारा संचालित व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों में बेहतर प्रशिक्षण और स्व-रोजगार स्थापना के लिए रोजगार मूलक ट्रेडों का चयन कर अधिक से अधिक लोगों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने पर बल दिया।
बैठक में निगम के स्थापना बजट पर वित्त विभाग ने शीघ्र आबंटन जारी करने की सहमति दी। प्राधिकरण द्वारा संचालित रोजगार मूलक योजनाओं के सफल क्रियान्वयन कर हितग्राहियों द्वारा किए गए ऋण वापसी को भी शासन को वापस करने का निर्णय लिया गया। केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न पांच निगमों के रोजगार मूलक योजनाओं में प्राप्त राशि के सुव्यवस्थित रख-रखाव के लिए बैंक खातों का योजनावार संचालन करने सुझाव दिया गया। बैठक में निगम द्वारा अर्जित ब्याज की राशि के उपयोग के बाद शासन से स्थापना मंद में राशि प्राप्त होने पर आवश्यकतानुसार समायोजन करने का निर्णय लिया गया। लंबित देयकों का शीघ्र निराकरण करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, आयुक्त श्री मुकेश कुमार बंसल, अपर सचिव वित्त विभाग श्री सतीश पांडे, अपर सचिव ग्रामोद्योग विभाग, श्रीमति रेजिना टोप्पो, अपर सचिव परिवहन विभाग श्री टी.आर. पैकरा, संयुक्त सचिव उद्योग विभाग श्री अनुराग पाण्डेय, संयुक्त संचालक सहकारिता विभाग श्री डी.पी.टावरी, संयुक्त संचालक कृषि श्री सी.व्ही. लोढ़ेकर उपस्थित थे।समाचार
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम संस्थान समिति ‘संचालक मंडल‘ की बैठक आयोजित की गई। डॉ. टेकाम ने बैठक में कहा कि प्रदेश में संचालित एकलव्य विद्यालयों के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के बाद प्रतियोगी परीक्षा और इंजीनियरिंग, मेडिकल के लिए कोचिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि एकलव्य आवासीय विद्यालय प्रवेश नीति 2021-22 में सीटों के आरक्षण में अनुसूचित जनजाति में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, अबूझमाड़िया, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, पण्डो और भुंजिया के विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाए।डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि एकलव्य विद्यालयों में कक्षा 9वीं और 11वीं में सीट्स रिक्त होने पर लेटरल इंट्री की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव केन्द्र को भेजा जाए। निष्ठा योजना अंतर्गत नक्सल हिंसा से पीड़ित पालकों के बच्चों को एकलव्य विद्यालय में प्रवेश की अनुमति के संबंध में भी प्रस्ताव भेजा जाए। बैठक में केन्द्र द्वारा विशेष रूप से कमजोर जनजातियों का संचालन एकलव्य सोसायटी के अंतर्गत लाने के लिए प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। डॉ. टेकाम ने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु एक वर्षीय आवासीय प्रशिक्षण की कार्ययोजना तैयार की जाए। इसमें ड्रापर्स विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराके राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में चयन हेतु प्रशिक्षण दिया जाए। डॉ. टेकाम ने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए परीक्षा के बाद समर कैम्प का आयोजन किया जाए।बैठक में बताया गया कि बोर्ड परीक्षा के बाद विद्यार्थियों को कोचिंग देने के लिए मैरिट के आधार पर बच्चों की सूची तैयार कर ली गई है। इन बच्चों को बोर्ड परीक्षा के बाद 40 दिन की कोचिंग दिया जाना प्रस्तावित है। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020-21 में नवीन एकलव्य विद्यालय प्रारंभ करने के लिए जिन विद्यालयों के भवन और संसाधन उपलब्ध हैं वहां के प्रस्ताव केन्द्र को भेजे जाएंगे। शिक्षण सत्र 2020-21 में बालक और बालिकाओं को नवीन शाला गणवेश प्रदाय करने हेतु खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग को आर्डर दे दिया गया है।
बैठक में आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, आयुक्त श्री मुकेश कुमार बंसल, अपर सचिव वित्त विभाग श्री सतीश पांडे सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।