स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि शिक्षक समाज का पथ-प्रदर्शक होता है। शिक्षा महाविद्यालय में पढ़ने वाले शिक्षार्थी स्कूलों में जाकर समाज को एक नया रास्ता दिखाएंगे। डॉ. टेकाम आज शाम शंकर नगर रायपुर स्थित शासकीय शिक्षक-शिक्षा महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘अपराजिता‘ का विमोचन भी किया और शिक्षार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का आनंद भी लिया।
डॉ. टेकाम ने कहा कि यह शिक्षकों के प्रशिक्षण का महाविद्यालय है। एक अच्छे शिक्षक के रूप में बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे। प्रशिक्षण यहीं है कि कैसे बच्चों के लिए वे बेहतर हो सकते है। प्रशिक्षित विद्यार्थियों को अपने आप को इस ढंग से व्यवस्थित करना है कि वे जिस स्कूल में पढ़ाने जाएं, वहां के परिवेश और वेश-भूषा से घुल मिल जाए। डॉ. टेकाम ने कहा कि बेहतर शिक्षक बनने के लिए जरूरी है कि अच्छा इंसान होना। मानव के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास शिक्षा से हो सकता है। कक्षा में शिक्षक के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले विद्यार्थी किस रूप में परिणीत कर बच्चों को गुणवत्तपूर्ण बेहतर शिक्षा दे सकते है। डॉ. टेकाम ने कहा कि विद्यार्थियों में किताबी ज्ञान के अलावा नए ज्ञान को प्राप्त करने की क्षमता विकसित करें। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच की अनुरूप प्रदेश में बच्चों को गुणवत्तायुक्त ज्ञानपूर्ण शिक्षा मिले। उन्होंने महाविद्यालय के शैक्षणिक स्तर की सराहना करते हुए कहा कि मेरिट में 10 मंे से 10 विद्यार्थी आकर अपना और महाविद्यालय का नाम रोशन करें।
वार्षिक उत्सव समारोह को संचालक लोक शिक्षण श्री जितेन्द्र शुक्ला ने सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों का बच्चों से जुड़ाव होना जरूरी है। शिक्षकों को बच्चों के भविष्य को गढ़ने की जिम्मेदारी दी गई है। महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती जे.एक्का ने महाविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षार्थी और शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।