रायपुर. दुनियाभर में कोरोनावायरस की दहशत के बीच छत्तीसगढ़ में इससे संक्रमित भले ही एक भी व्यक्ति नहीं है, लेकिन राज्य के बस्तर संभाग में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 16 हजार 599 लोग इस वक्त मलेरिया से पीड़ित हैं। मलेरिया बस्तर की बड़ी समस्या है। प्रशासन ने गांवस्तर पर समितियां गठित की हैं, जो शाम को सीटी बजाकर लोगों को मच्छरदानी लगाने के लिए सतर्क करती हैं। राज्य के मुख्य सचिव आरपी मंडल ने बुधवार को सुकमा में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि सभी मलेरिया से ग्रसित लोगों को संपूर्ण इलाज मिलना चाहिए।
मलेरिया से मौत
जनवरी के महीने में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दंतेवाड़ा गए थे। यहां उन्होने अपनी मलेरिया की जांच करवाई और लोगों से भी जागरूक रहने की अपील की। इस कार्यक्रम के ही दिन बीजापुर में मलेरिया से पीड़ित एक आदिवासी छात्र प्रमोद कुड़ियाम की मौत हो गई थी। प्रमोद 6वीं कक्षा का छात्र था। परिजनों ने तब आरोप लगाया कि उसके मामले में अफसरों ने लापरवाही की। सरकार ने 2024 तक बस्तर को मलेरिया से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इस बीमारी से पिछले दो सालों में 30 लोगों की मौत हो चुकी है।