कोरोना को हराने के लिए समाज का हर वर्ग सजग है। सभी के समन्वित प्रयास तथा केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन कर ही करोना को हम हरा सकते हैं। कोरोना से जंग में पर्दे के पीछे जनता है तो उससे सीधे डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी लड़ रहे हैं। इनमें भी कुछ चिकित्सक ऐसे हैं, जिनकी सीधी लड़ाई कोरोना से है, क्योंकि जिसका सैंपल लेकर वे जांच के लिए भेज रहे हैं, वह कोरोना पाजीटिव भी हो सकता है, लेकिन इसकी तनिक भी चिंता नहीं है और संकट की इस घड़ी में सेवा को ही अपना धर्म मानकर अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को ताक में रख चिकित्सक कार्य में जुटे हुए हैं। ऐसे ही एक चिकित्सक अंबिकापुर मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष डॉ. रमणेश मूर्ति है। कोरोना संकट की इस घड़ी में उनका विभाग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, यहां संभावितों का सैंपल लिया जाता है। अब तक उन्होंने 60 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा है। डॉ. मूर्ति कहते हैं कि सामान्य दिनों की तरह आज भी वे अस्पताल आते हैं और मरीजों की जांच तथा सैंपल लेकर भेजने के काम में लगे हुए हैं।
सुबह से देर रात तक अस्पताल में सेवा देने के बाद घर के भीतर प्रवेश करने से पहले उन्हें स्वच्छता का पूरा ख्याल भी करना पड़ता है। घर पहुंच जाने के बाद भी लगभग एक घंटे तक साफ-सफाई और खुद को सैनिटाइज करने में लगता है, उसके बाद ही वे आराम से घर के भीतर बैठ सकते हैं।
डॉ. मूर्ति की धर्मपत्नी डॉ. मधुमिता मूर्ति भी मेडिकल कालेज अंबिकापुर में निश्चितना विभाग की HOD हैं। COVID 19 के संक्रमण की इस घड़ी में चिकित्सक दंपती अपनी नौकरी को सेवा मानकर मरीजों की जांच और आवश्यकतानुसार उपचार की व्यवस्था में जुटे हुए हैं माइक्रोबायोलाजी विभाग के डॉ. रमणेश मूर्ति द्वारा शासकीय अस्पतालों में पदस्थ चिकित्सकों और विशेषज्ञों को भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और नियंत्रण की जानकारी देने के साथ ही संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है। समय-समय पर वे शासकीय अस्पतालों के चिकित्सकों को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।