रायपुर। राइट टू एजुकेशन  के तहत पिछले दस सालों में राज्य में मुफ्त की पढ़ाई कर रहे 21.4 फीसद बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी। मुफ्त की पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों में छत्तीसगढ़ देश भर के टॉपटेन राज्यों में शामिल है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को राज्य सरकारों ने जो आंकड़े दिए थे, उसके आधार पर यह रिपोर्ट सामने आई है। ये तब स्थिति है, जब राज्य सरकार इन बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाकर उनकी फीस भी जमा करती है। पहली से आठवीं तक प्रति बच्चे सात हजार रुपये और छठवीं से आठवीं तक प्रति बच्चे 12 हजार रुपये फीस सरकार वहन कर रही है। स्कूल छोड़ने की वजह को लेकर शिक्षाविदों ने कई कारण गिनाए हैं। उनका मानना है कि बड़े रसूखदार घरानों के बच्चों के साथ गरीब वर्ग से आने वाले बच्चों का तालमेल नहीं बैठ पाता है। ऐसे में वे बच्चे यहां खुद को असहज महसूस करते हैं।

आंकड़े यह है कि साल 2011-12 में पहली कक्षा में 22 हजार बच्चों ने दाखिला लिया था, इनमें से आठवीं तक सिर्फ सात हजार ही बच्चे पहुंच पाए। बाकी 15 हजार किस स्कूल में पढ़ रहे हैं यह शिक्षा विभाग को भी जानकारी नहीं है।

फोटो – फाइल छायाचित्र संकेतात्मक।