कोरोना वायरस के संक्रमण काल के कठिन दौर में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कोरोना वायरस से बचाव हेतु बड़ी संख्या में तेन्दूपत्ता संग्रहकों और वनोपज संग्रहकों के लिए मास्क तैयार कर रही है। मास्क बनाकर ये ग्रामीण महिलाएं अपने परिवार के लिए अतिरिक्त आय प्राप्त कर रही है, वही लॉकडाउन समय में समाज को कोरोना संक्रमण से बचाने और रोकथाम में सहयोग कर रही है। इस कार्य से उत्तर बस्तर कांकेर जिले की लगभग 500 महिलाएं कोरोना वारियर्स के रूप में कार्य करते हुए रोजगार से जुड़ी हुई है और कपड़े का मास्क तैयार कर बाजार दर से भी कम मूल्य पर उपलब्ध करा रही है।
राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा मास्क तैयार कर जिला प्रशासन एवं वन विभाग को उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं 75 हजार और राष्ट्रीय अजीविका मिशन की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 50 हजार मास्क तैयार किया जा रहा है। अभी तक उक्त समूहों में 55 हजार मास्क तैयार कर वन विभाग को प्रदाय कर दिया गया है। जिला प्रशासन मास्क बनाने के लिए सस्ते दर पर कपड़े समूहों को उपलब्ध कराये जा रहे है। इसके अलावा समूहों द्वारा उत्पादित मास्क की बिक्री में भी सहयोग दिया जा रहा है।