मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध मंहासंघ ने लॉकडाउन के दौरान भी राज्य के दुग्ध उत्पादक किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए न सिर्फ उनके द्वारा उत्पादित दूध का संकलन कर रहा बल्कि दूध की खरीदी के एवज में महासंघ ने इस अवधि में 10 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान भी दुग्थ उत्पादक किसानों किया है। कोरोना संक्रमण की वजह से 23 मार्च से जारी लॉकडाउन के बावजूद भी दुग्ध महासंघ ने कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे एवं अध्यक्ष श्री रसिक परमार के मार्गदर्शन में सुरक्षित तरीके से दुग्ध संकलन की बेहतर कार्य-योजना तैयार कर इसको सुचारू रूप से जारी भी रखा। दुग्ध महासंघ लॉकडाउन की शुरूआती दिन से लेकर आज तक की कठिन परिस्थिति में भी किसानों से रोजाना 95 हजार लीटर दूध क्रय करने के साथ ही समय-समय पर किसानों को उसके एवज में राशि का भुगतान भी कर रहा है।
प्रबंध संचालक नरेन्द्र दुग्गा ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद भी दुग्ध महासंघ द्वारा उपभोक्ताओं को ‘देवभोग‘ दूध एवं दुग्ध पदार्थ बिना किसी व्यवधान के निरंतर उपलब्ध कराया जा रहा है। दुग्ध महासंघ द्वारा अपने मोबाइल मिल्क पार्लर द्वारा रायपुर एवं दुर्ग शहर की बड़ी रहवासी कॉलोनियों-अपार्टमेंटस में निरंतर दूध एवं दुग्ध पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उपभोक्ताओं से महासंघ के वाट्सएप नम्बर 79827726833 पर प्राप्त मांग के आधार पर घर पहुंच सेवा जारी है। देवभोग दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों को छत्तीसगढ़ शासन की (वेबसाईट cghaat.in) सी.जी. हॉट एवं स्वीगी (होम डिलीवरी सिस्टम) के माध्यम से भी घर पहुंच सेवा प्रदाय की जा रही है। कोरोना संक्रमण के चलते दुग्ध महासंघ के संयंत्रों में दुग्ध पालकों, संकलन वाहनों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों की स्वच्छता के बारे में विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
दुग्ध महासंघ आईएसओ 22000-2005 संस्था है। इस कारण संयंत्र में मास्क एवं बालों को टोपी से ढकना प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी के लिए अनिवार्य है। संयंत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का भी कड़ाई से पालन किया जा रहा है। प्रबंध संचालक दुग्गा लॉक डाउन के दौरान नियमित रूप से महासंघ के सयंत्र पहुंच कर वहां की व्यवस्था का मुआयना करने के साथ ही अधिकारियो- कर्मचारियों प्रोत्साहित करते है।