मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के अंदर आर्थिक गतिविधियों के संचालन के निर्णय का अधिकार राज्य सरकार को मिलना चाहिए। उन्होंने यह बात आज प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई चर्चा के दौरान कही.
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में कोरोना के 6 मरीज हैं। राज्य में कुल 59 मरीज थे, जिसमें से 53 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में रिकवरी रेट 90 प्रतिशत से अधिक है। अब तक राज्य में 25 हजार 282 कोरोना वायरस टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में 24 हजार 605 लोग को क्वारेंटीन किया गया हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के श्रमिकों को वापस लाने के लिए आज पहली ट्रेन गुजरात से आई है। आने वाले सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उन्हें क्वॉरेंटाइन में भी रखने की व्यवस्था राज्य सरकार ने की है। छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में 16 हजार 499 और शहरी क्षेत्रों में 623 क्वारेन्टाइन सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्वानुमान लगाकर काम किया है, यही वजह है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना वायरस का फैलाव नियंत्रण में रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज शुरू हो चुका है। इसकी बदौलत इनके 91 हजार 997 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों को वापस लाने के लिए कुल 28 ट्रेनों की अनुमति मांगी थी। जिसमें से 15 की स्वीकृति मिली है। श्रमिकों, छात्रों, बीमार व्यक्तियों को अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ लाने का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग एक लाख 24 हजार मजदूर अन्य राज्यों में है, जब कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के मजदूरों की संख्या लगभग 35 हजार है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में मनरेगा के तहत ग्रामीणों को मिल रहे रोजगार के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि पूरे देश में मनरेगा के तहत 24 प्रतिशत की भागीदारी  छत्तीसगढ़ राज्य की है। राज्य की 9 हजार 883 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में 20 लाख से अधिक ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों की मदद के लिए राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत 5100 करोड़ रुपए की राशि का वितरण राज्य सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा है। उन्होंने लघु वनोपज संग्रहण के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि छत्तीसगढ़ और लघु वनोपज संग्रहण के मामले में देश का अग्रणी राज्य है। लघु वनोपजों के कुल संग्रहण का 90 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ में संग्रहित हुआ है। संग्रहण कर्ताओं को 28.07 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है। वन विभाग के विभिन्न योजनाओं में कुल 6 लाख 42 हजार 949 वनवासियों को रोजगार भी प्रदान किया है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव श्री आर. पी. मंडल, पुलिस महानिदेशक श्री डी. एम. अवस्थी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव स्वास्थ्य श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, उप सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय सुश्री सौम्या चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।