वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की तीसरी किस्त मुख्यतौर पर कृषि केंद्रित है. इसमें कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किये गए –
छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के लिए 10000 करोड़ रुपये
वित्त मंत्री ने कहा कि माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ की स्कीम लाई गई है. उदाहरण देते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि बिहार में मखाना के क्लस्टर, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, यूपी में आम से जुड़े क्लस्टर बनाए जा सकते हैं. इसका फायदा करीब 2 लाख माइक्रो फूड इंटरप्राइज को मिलेगा.
जल्द शुरू होगी मत्स्य संपदा योजना , 20 हजार करोड़ खर्च होंगे
वित्त मंत्री ने कहा कि 20 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, जिसकी घोषणा बजट में की गई की, कोरोना की वजह से इसे तत्काल लागू किया जा रहा है. इसमें समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए और 9,000 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के विकास में लगाया जाएगा. मछुआरों को नई नौकाएं दी जाएंगी, 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इससे भारत का निर्यात दोगुना बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा.
राष्ट्रीय पशु बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 13,342 करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना हम लेकर आए हैं. इसमें लगभग 13,343 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. दूध उत्पादन, वैल्यू एडिशन के लिए खर्च किए जाएंगे.
हर्बल पौधों को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इन पौधों की ग्लोबल डिमांड है. लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल प्रोड्क्टस की खेती होगी. इससे 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगी. गंगा के किनारे 800 हेक्टेयर भूमि पर हर्बल प्रोडक्ट्स के लिए कॉरिडोर बनाया जाएगा