मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि पूरा विश्व पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन और बढ़ते प्रदूषण से प्रभावित हो रहा है। जीवों का अस्तित्व उनके पर्यावरण के दूसरे घटकों के परस्पर सामंजस्य पर निर्भर है। प्रकृति के क्षरण के लिए हमारे बेतरतीब क्रियाकलापों ने कई जीवों के लिए संकट पैदा कर दिया है। अनियमित वर्षा, ग्लोबल वार्मिंग, पराबैगनी किरणें जैसी कई समस्याएं हमारे जीवन को प्रभावित करने लगी है। अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण को बचाने की दिशा में सोचना ही होगा अन्यथा भविष्य की पीढ़ियों के लिए खुली हवा में सांस लेना भी दुष्कर हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य को और अधिक गहरा करने के लिए प्रेरित करता है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम जैवविविधता पर आधारित है। इसका मकसद ‘प्रकृति के लिए समय‘ (Time for Nature) को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरी दुनिया में लागू लॉकडाउन का एक सकारात्मक पक्ष सामने आया है। प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है और जीव-जन्तु प्रकृति का आनंद लेते दिखाई पड़ रहे हैं। यह सुनहरा अवसर है कि हम अपने कार्याें का आत्मचिंतन और आंकलन करें और पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने में सहयोग दें।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में 5 करोड़ पौध रोपण का लक्ष्य रखा गया है। वृक्षारोपण कार्याें को व्यवहारिक बनाने के लिए वनांचल में वनवासियों की जरूरत के मुताबिक पौध रोपण कराने का निर्णय लिया गया है, जिससे वनवासियों को वनों से नियमित रूप से आय मिलती रहे। उन्होंने कहा कि हमें अपने आसपास के वृक्षों को कटने से बचाने के साथ-साथ अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। हमें अपने भावी पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेना चाहिए जिससे हम प्रदूषण रहित स्वस्थ छत्तीसगढ़ और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दे सकें।