रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये जारी लॉकडाउन के बीच गरीब परिवारों को छत्तीसगढ़ शासन की दो माह का मुफ्त राशन प्रदान करने की योजना ने बड़ी राहत पहुंचाई है। उचित मूल्य दुकानों में राशन प्राप्त करने के लिए पहुंचे हितग्राहियों का कहना है कि शासन की व्यवस्था से उनको खाद्यान्न की कोई समस्या नही है। शासन द्वारा निःशुल्क चावल वितरण से काफी मदद मिल रही है। सरकार के संवेदनशील निर्णय से ग्रामीणों को इस विषम परिस्थिति का सफलतापूर्वक सामना करने में काफी मदद मिली है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के सभी उचित मूल्य दुकानों में फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिन्ग के पालन में सुविधा हेतु राशन दुकानों में चूने से मार्किंग की गई है। कोरोना वायरस कोविड-19 की रोकथाम हेतु जारी गाईड लाईन के अनुसार शासकीय उचित मूल्य दुकानों और अन्य भीड़भाड़ संभावित स्थानों में सोशल डिस्टेंस रखा जाना आवश्यक है, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हो सके। जिले में सभी राशनकार्डधारी उपभोक्ताओं द्वारा उचित मुल्य के दुकानों मेें राशन वितरण के समय एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी रखी जा रही है।
  जिले में कुल 98 हजार 282 कार्डधारक हैं, इसमें 27,457 अन्त्योदय, 296 निराश्रित, 128 अन्नपूर्णा, 37 निःशक्तजन कार्ड धारक और 64880 प्राथमिकता कार्डधारक हैं। इसके अलावा 5484 सामान्य राशन कार्ड धारक हैं। जिले की 179 पीडीएस दुकानों के माध्यम से राशन का वितरण किया जा रहा है। अन्त्योदय बीपीएल कार्डधारियों को प्रति कार्ड 35 किलो चावल एवं प्रति कार्ड 2 किलो अमृत नमक के हिसाब से अप्रैल एवं मई माह के लिए एक मुश्त निःशुल्क प्रदान किया गया है।  इसी तरह प्राथमिकता श्रेणी के बीपीएल कार्डधारियों को एक व्यक्ति के लिए 10 किलो, 2 व्यक्तियों के लिए 20 किलो, 3 से 5 व्यक्तियों लिए 35 किलो तथा 5 से अधिक व्यक्तियों के लिए 35 किलो के अलावा प्रति व्यक्ति 7 किलो अतिरिक्त चावल के हिसाब से अप्रैल एवं मई के लिए एकमुश्त प्रदान किया गया है। इसी तरह बीपीएल श्रेणी के अन्तर्गत निराश्रित, अन्नपूर्णा एवं निःशक्तजनों के प्रत्येक कार्ड में एक माह के लिए 10 किलो के हिसाब से एकमुश्त दो माह का 20 किलो चावल निःशुल्क प्रदान किया गया है। इसके साथ ही एपीएल कार्डधारियों को 10 रूपए की दर से चावल वितरण किया जा रहा है।