कोरोना वायरस की रोकथाम और उसके संक्रमण से बचाव के उपाय बताने के लिए चाइल्ड लाइन की टीम गांव-गांव पहुँच रही है। चाईल्ड लाईन 1098 और आस्था समिति कबीरधाम द्वारा जिले में विभिन्न स्थानों में जाकर नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से बच्चों की सुरक्षा के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस संकट काल में चाइल्ड लाइन की टीम द्वारा जरूरतमंद बच्चों की मदद भी की जा रही है। चाइल्ड लाइन 1098 की टीम पुलिस, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग टीम के साथ मिलकर काम रही है।
जिले में अब तक 35 गांवों में जन जागरूकता कार्यक्रम कर जगरूकता अभियान में 720 बच्चों, 410 पुरुषों एंव 450 महिलाओं को सीधे जोड़ा गया। इस दौरान बच्चों, महिलाओं एंव ग्रामीणों को सोशल एंव फिजिकल डिस्टेंस, डब्लूएचओ के मानक अनुसार 6 चरणों में हाथ धुलाई का अभ्यास, हाथों को सेनिटाइज करने के लिए जागरूकता लाने की कोशिश की गई है। नियमित मास्क लगाकर एक दूसरे से बात करने के लिए जागरूक किया गया। टीम द्वारा बच्चों को मास्क, साबुन, सेनेटरी पेड का वितरण भी किया गया है। जिले के अति जरूरतमन्द 35 परिवारों को खाद्य सुरक्षा, राहत सामाग्रियों का वितरण भी किया गया है।
बच्चों को खास सावधानी बरतने किया जागरूक
चाइल्ड लाइन ने बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए खास सावधानी बरतने के लिए जागरूक कर रही है। इसके तहत बच्चों को घर से बाहर न खेलने,बच्चों का हाथ साबुन से 40 सेकण्ड तक हर 2 घण्टे में धोते रहने,बच्चों को किसी भी परेशानी पर निःशुल्क चाईल्ड हेल्पलाईन 1098 पर फोन कर मदद लेने को कहा जा रहा है । इसके साथ ही बच्चों में रचनात्मक विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित चकमक अभियान से जुड़कर पेंटिंग्स, चित्रकला, गीत में सहभागिता के लिए प्रेरित करने के साथ बच्चों को ऑनलाईन पढ़ाई के लिए संचालित ‘पढ़ई तुंहर द्वार‘ से घर पर ही रहकर पढ़ाई करने कहा गया है।
कोरेन्टाईन सेन्टर में मनोवैज्ञानिक परेशानियों से बचने विशेष सलाह
चाईल्ड लाईन 1098 के केंद्र समन्वयक श्री चन्द्रकांत यादव ने बताया कि कबीरधाम चाईल्ड लाईन टीम द्वारा जिला प्रशासन के निर्देशानुसार विशेष सेवाएं दी जा रही हैं। टीम के द्वारां प्रवासी श्रमिकों को मनोसामाजिक परामर्श, स्वास्थ्य एंव पोषण सलाह दी जा रही है। लोगों को तनाव, हताशा और मनोवैज्ञानिक परेशानी के लिए टीम के परामर्शदाता द्वारा परामर्श दिया जा रहा है। अब तक सेन्टर में रह रहे 10 किशोरियों, 15 गर्भवती, 5 शिशुवती माताओं को सेवाएं प्रदान की गई है।