राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आज विश्व रक्तदाता दिवस पर डीकेएस सुपरस्पेशियालिटी अस्पताल के ब्लड-बैंक में रक्तदान किया। इस मौके पर उन्होंने महिलाओं से रक्तदान में भागीदारी बढ़ाने की अपील की। उन्होंने सभी लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि रक्तदान में महिलाओं की भागीदारी 30 फीसदी और पुरूषों की 70 फीसदी होना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि रक्तदाताओं के रक्त को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में 31 सरकारी और 60 निजी ब्लड-बैंक संचालित हैं। उन्होंंने कहा कि महिलाओं, युवाओं, छात्रों और सामाजिक संस्थाओं को समय-समय पर रक्तदान कर मानव समाज की सेवा करना चाहिए। दुर्घटना में घायलों और हाई-रिस्क डिलीवरी के दौरान गर्भवती महिलाओं को रक्त की जरुरत पड़ती है। डॉ. शुक्ला ने कोविड-19 के खतरे को देखते हुए रक्तदान के समय सभी जरूरी सावधानियां बरतने कहा। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर हाथों की स्वच्छता के लिए साबुन और सेनेटाइजर का उपयोग करें। मास्क या साफ कपड़े से मुंह ढंकें।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष 14 जून को पूरी दुनिया में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। सुरक्षित रक्त व रक्त उत्पादों की आवश्यकता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और रक्तदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करने वर्ष 2004 से इसे हर वर्ष मनाया जाता है। विश्व रक्तदाता दिवस इस साल ‘सुरक्षित रक्त जीवन बचाता है’ की थीम पर मनाया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के दिशा-निर्देशों के मुताबिक रक्त की अनुमानित आवश्यकता किसी भी राज्य की कुल जनसंख्या का एक प्रतिशत यूनिट की उपलब्धता होनी चाहिए। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019-20 में रक्तदान शिविरों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान कार्यक्रमों से शासकीय ब्लड-बैंकों में एक लाख पांच हजार यूनिट और निजी ब्लैड-बैंकों के माध्यम से एक लाख 25 हजार लाख यूनिट यानि कुल दो लाख 30 हजार यूनिट रक्त का संग्रहण हुआ है। प्रदेश की आबादी के हिसाब से दो लाख 55 हजार यूनिट रक्त संग्रहण के लक्ष्य का यह 90 प्रतिशत है।