अम्बिकापुर – कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने कहा है कि बारिश के मौसम में जिले के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय परिवारों के बीच स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास तथा राजस्व विभाग के अमले आपसी समन्वय करें और इन लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराएं। कलेक्टर ने यह निर्देश आज यहां जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित समय-सीमा की पहली बैठक में अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर श्री झा ने कहा कि मैनपाट एवं उदयपुर विकासखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मांझी – मंझवार तथा पहाड़ी कोरवा बस्तियों तक नदी-नालों के कारण समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती हैं। इन क्षेत्रों में आपात स्थिति से निपटने के लिए सम्बंधित बस्ती तक पहुंचने के लिए अन्य मार्गो का चिन्हांकन कर लें ताकि जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस या अन्य वाहन पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों के बस्तियों में गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करें तथा डिलेवरी की संभावित तिथि भी अंकित करें। सूची में शामिल महिला को डिलेवरी के संभावित तिथि के दस दिन पूर्व नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराएं ताकि बारिश के मौसम में प्रसव के आपात स्थिति में डिलेवरी में कोई दिक्कत न हो। कलेक्टर ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कम से कम दो स्वास्थ्य कार्यकर्ता की पदस्थापना अवश्य करें और उन्हें मुख्यालय में रहने के निर्देश भी जारी करें।
कलेक्टर ने कहा कि बारिश के मौसम में मौसमी बीमारियां बढ़ जाती हैं और दुर्गम एवं जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को इस बीमारी का ज्यादा प्रकोप देखने को मिलता है। इस क्षेत्र के लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य जागरूकता के लिए सामुहिक रूप से अभियान चलाने विभाग निर्देशित करें। स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों को दूषित पानी एवं बासी भोजन का उपयोग न करने की जानकारी दें। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि मितानिन के पास आवश्यक दवाईयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो। पूर्व वर्षो में जिन क्षेत्रों में मौसमी बीमारी का प्रकोप ज्यादा था उन क्षेत्रों में सतर्कता रखें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रतिदिन निगरानी रिपोर्ट लें। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में मौसमी बीमारी या अन्य संक्रामक रोग की तत्काल सूचना प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में वनांचल क्षेत्रों में जहरीले सांप काटने के मामले से निपटने के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एटीवेनम की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करें कि सांप काटने का कारगर उपचार स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है। सांप काटने पर मरीज को सीधे स्वास्थ्य केन्द्रों में लाएं।
केसीसी एवं ट्रांसफार्मर बदलने के आवेदन लोक सेवा केन्द्रों में – कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने किसान क्रेडिट कार्ड बनने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही में लेट-लतीफी को गंभीरता से लेते हुए अब इन दोनों के लिए आवेदन लोकसेवा केन्द्रों के माध्यम से लेने के निर्देश दिए। लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से आवेदन देने पर आवेदक को तय समय-सीमा में सुविधाएं प्राप्त होंगे। उन्होंने ट्रांसफार्मर बदलने हेतु सात दिवस के समय – सीमा निर्धारित किया है।
नगरीय निकाय क्षेत्र में आवारा पशुओं के खुले में घूमने पर प्रतिबंध- कलेक्टर ने कहा कि रोका-छेका अभियान के तहत किसी भी नगरीय निकाय क्षेत्र के सड़कों पर मवेशियों का खुले में घूमना प्रतिबंधित करें। खुले में घूमते हुए मवेशियों को सख्ती से धर-पकड़ अभियान चलाकर कांजीहाउस ले जाएं एवं सात दिवस के बाद निलामी की कार्यवाही करें। सड़कों पर मवेशी घूमते हुए पाए जाने पर संबंधित नगरीय निकाय के अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने बैठक में समय-सीमा में लम्बित आवेदन, लोक-सेवा गारेंटी, वृक्षा रोपण, गोठान में विवादित भूमि निराकरण, रोका-छेका लागू करना, हैण्डपंप ब्लीचिंग, भूमिहीन कृषकों का सर्वे, नाली सफाई, सुपोषण अभियान आदि का विस्तार से समीक्षा किया।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुलदीप शर्मा, अपर कलेक्टर द्वय श्री एएल ध्रुव एवं सुश्री संतनदेवी जांगड़े सहित विभिन्न विभागों केे जिला अधिकारी उपस्थित थे।