मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में एक जुलाई से किल कोरोना अभियान चलाया जाएगा। भोपाल से अभियान की शुरुआत की जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे। किल कोरोना अभियान प्रत्येक परिवार को कवर करेगा। इसके लिए दल गठित किए जा रहे हैं। कोविड मित्र भी बनाये जायेंगे, जो स्वैच्छिक रूप से इस अभियान के लिये कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज कमिश्नर-कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए कि वे इस अभियान के लिए आवश्यक तैयारियाँ अभी से प्रारंभ कर दें। देश के इस अनूठे और बड़े अभियान के संचालन से अन्य प्रदेशों तक भी एक सार्थक संदेश पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि जिलों और संभागों में आईजी और कमिश्नर्स भी कोरोना नियंत्रण पर निगाह रखें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के करीब 14 हजार महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर सर्वे कार्य की अहम जिम्मेदारी रहेगी। कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
3 लाख को दी गई विशेष ट्रेनिंग
प्रदेश में करीब 3 लाख लोगों को कोविड-19 के दृष्टिगत जांच, उपचार, क्वांरेंटाइन, सर्वेलांस, संक्रमित क्षेत्र के लिए आवश्यक सावधानियाँ बरतने, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षित लोगों में चिकित्सक, नर्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि शामिल हैं।कोविड से संबंधित कार्यों की इस ट्रेनिंग में आशा वर्कर्स और वालंटियर्स भी शामिल हैं।
नौ हजार की क्षमता हो गई प्रतिदिन
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर नियंत्रित किया गया है।इस समयनौ हजार की क्षमता हो गई है। प्रतिदिन बढ़ती जाँच क्षमता के कारण पॉजीटिव रोगियों के सामने आने और उन्हें उपचार के बाद स्वस्थ करने के कार्य में आसानी हुई है। इसलिए मध्यप्रदेश रिकवरी रेट में काफी आगे है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने जानकारी दी कि प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों के नए उपकरणों के स्थापित होने से शीघ्र ही 16 हजार से अधिक टेस्टिंग की सुविधा विकसित हो जाएगी।
प्रदेश का ग्रोथ रेट सबसे कम
कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश की ग्रोथ रेट 1.43 है। यह सभी राज्यों से बेहतर है। वैसे तो प्रदेश में गत 5 सप्ताह से वायरस के नियंत्रण में तेजी आयी है, लेकिन निरंतर प्रत्येक स्तर पर किये गये प्रयासों से प्रदेश की स्थिति बेहतर बन सकी है। देश की आबादी में कभी मध्यप्रदेश के 6 प्रतिशत रोगी होते थे जो आज मात्र 1.3 प्रतिशत ही हैं। इंदौर नगर से देश के कुल कोविड रोगियों में 6.3 प्रतिशत शामिल थे, जो अब मात्र 01 प्रतिशत हैं। भोपाल और उज्जैन नगरों में भी नियंत्रण के प्रयास काफी सफल हुए हैं। एक्टिव प्रकरणों में जहाँ भारत का प्रतिशत 40 है वहीं मध्यप्रदेश में सिर्फ 19 प्रतिशत एक्टिव प्रकरण ही शेष हैं। इसका अर्थ है वायरस की तीव्रता भी कम हो रही है और मध्यप्रदेश संक्रमण का प्रकोप रोकने में अधिक सफल है। प्रदेश के 33 जिलों में 10 से कम एक्टिव केस हैं।