जी हां, आपको सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा परन्तु मौसम के पूर्वानुमान के लिए जो आकड़े इकट्ठे किये जाते है लॉक डाउन के कारण सटीक डाटा नहीं मिल पा रहा है।
मौसम विभाग को नियमित घरेलु और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों हवाई जहाज द्वारा मिलने वाले मौसम डाटा पर्याप्त डाटा में कमी आयी है। दुनिया भर के मौसम एजेंसीज एयरक्राफ्ट मेट्रोलॉजिकल डाटा रिले आकड़ो का उपयोग मौसम पूर्वानुमान के लिए करते है। जिसका उपयोग कंप्यूटर मॉडलिंग में होने वाली गणनाओं के लिए होता है। वाणिज्य उड़ानों में सेंसर या मौसम से जुडी डाटा को हासिल करने वाले यन्त्र लगे होते है जो पूर्वानुमान में सहायक होते है। इन विमानों के आवागमन से मौसम पोरवानुमान के आकड़े अलग अलग अरमेटर से लिए जाते है जिसका आकलन कर भविष्यवाणी की जाती है। लॉक डाउन के कारण विमानों के आवागम में ६० प्रतिशत की कमी आने के कारण मौसम पूर्वानुमान की सटीक भविष्यवाणी में दिक्कत आ रही है।