मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश के राम वनगमन पथ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप राज्य शासन द्वारा भगवान श्रीराम वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ के जिन मार्गों से गुजरे थे और जहां रूके थे, उन स्थानों का चिन्हांकन कर उन्हें पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जा रहा है। राम वन गमन परिपथ को हरा-भरा करने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण भी किया जा रहा है।
सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखण्ड स्थित रामगढ़ की पहाड़ी एवं महेशपुर को राम वनगमन परिपथ में शामिल किया गया है, जिसे पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा। राम वनगमन पथ में 3 हजार 600 पौधे लगाए जा रहे हैं । जिसमें आम, नीम, कटहल, गुलमोहर, करंज, जामुन, इमली, आदि के पौधे शामिल हैं। इन सभी पौधों को महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा बनाए जा रहे बांस के ट्री-गार्ड से सुरक्षित की जायेगी। वन विभाग महिला समूह से 450 रूपए प्रति नग की दर से ट्री-गार्ड खरीदेगा। ट्री-गार्ड बनाकर बेचने से समूह की माहिलाओं की आमदनी बढ़ेगी और पौधों की सुरक्षा भी होगी। वन विभाग के द्वारा आगामी तीन वर्षों तक रोपे जा रहे पौधों की देखभाल की जाएगी।
जिले के उदयपुर विकासखंड की 10.25 किलो मीटर रामवन गमन मार्ग में 3600 पौधे रोपे जाएंगे। इन कार्यों में ग्राम पंचायत पुटा में उदयपुर से रामनगर केदमा मार्ग में 3 किलो मीटर में 1200 पौधे, ग्राम पंचायत शानीबर्रा में रामनगर से लछमनगढ़ 2 किलो मीटर में 800 पौधे, ग्राम पंचायत खोडरी में जनपद पंचायत उदयपुर से देवगढ़ रोड तक 3 किलो मीटर में 800 पौधे, ग्राम पंचायत महेशपुर में महेशपुर मंदिर से केदमा मार्ग तक 1.25 किलो मीटर में 400 पौधे, ग्राम पंचायत झिरमिटी अल्कापुर से हर्टिकल्चर नर्सरी तक एन एच 130 के किनारे 1 किलो मीटर में 400 पौधे लगाये जाएंगे।