बिलासपुर से महेश तिवारी की रिपोर्ट लाइव
बिलासपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखण्ड की ग्रामपंचायत मेड़पार में गायों की मृत्यु की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कलेक्टर बिलासपुर को इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बघेल ने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक घटना है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर और एस.पी. मौके पर पहुंच कर जांच कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिर्पोट आने पर घटना के कारणों की जानकारी होगी।
छत्तीसगढ में बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड में शनिवार की सुबह एक गोठान में 50 से अधिक मवेशियों की मौत का मामला सामने आया । बताया जा रहा है कि विकासखंड के मेडपार गांव में पिछले दिनों यह अस्थायी गोठान स्थापित किया गया था। यहां गायों को रखा गया था। सुबह के वक्त ग्रामीणों ने देखा की 50 से ज्यादा गायों की मौत हो गई है। कुछ गायों का अभी उपचार चल रहा है। इनके मुंह से झाग आने की बात कही जा रही है और संभावना जताई जा रही है कि दम घुटने की वजह से इनकी मौत हुई है। मौके पर प्रशासन की टीम और पशु चिकित्सा दल मौजूद है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
बिलासपुर के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया, “डीएम के निर्देश के अनुसार एफआईआई दर्ज कर ली गई है और जांच शुरू हो गई है” जून में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सभी गांवों में “रोका-छेका अभियान” शुरू किया था, जो पारंपरिक कृषि विधियों को पुनर्जीवित करने के लिए और खुले में चराई करने वाले आवारा पशुओं से खरीफ फसलों को बचाने के लिए था। राज्य सरकार इस बात से अवगत है कि राज्य के कई गांवों में गौशाला नहीं है और पशुपालकों को खरीफ फसलों को बचाने के लिए चराई पर प्रतिबंध के कारण बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
सरकार ने पशुपालकों के बचाव में काम करना किया है. सरकार सूराजी गाँव योजना के तहत राज्य भर में 5,000 गौशालाओं का निर्माण कर रही है। सरकार ने सभी सरपंचों से अपील की है कि वे गौशालाओं में मवेशियों के रहने को सुनिश्चित करें क्योंकि खुले में चराई करने पर प्रतिबंध लागू है।